Edited By Punjab Kesari, Updated: 25 Jun, 2017 08:09 AM
अगर मैं राष्ट्रपति बनता हूं तो किसी भी तरह से भी संसद को चलने से ठप्प नहीं होने दूंगा क्योंकि अगर सैकेंड व मिनटों का हिसाब लगाया जाए तो कई लाखों व करोड़ों रुपए का बोझ संसद के ठप्प होने से पड़ता है।
समालखा (वीरेंद्र):अगर मैं राष्ट्रपति बनता हूं तो किसी भी तरह से भी संसद को चलने से ठप्प नहीं होने दूंगा क्योंकि अगर सैकेंड व मिनटों का हिसाब लगाया जाए तो कई लाखों व करोड़ों रुपए का बोझ संसद के ठप्प होने से पड़ता है। अपने आपको राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर विधायकों व सांसदों से अपील करने वाले पूर्व सैनिक मदन लाल मूलत: समालखा हलके के गांव खोजकीपुर के रहने वाले हैं। पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि लोकतंत्र में क्या एक आदमी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं हो सकता।
2014 तक की देश की सेवा, फिर रिटायर्ड
वर्ष 1996 में देश की सेवा करने के जज्बे को लेकर सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए मदन लाल ने वर्ष 2014 तक देश की सेवा की और वह सेना से रिटायर्ड हो गए। उन्होंने सेना से अलग उत्तराखंड के बाद त्रासदि को लेकर भी काफी दिन सेवा की। वह एक साधारण परिवार से सम्बंध रखता है। राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार होने की इच्छा जाहिर करने वाले मदन लाल ने कहा कि वह अगर राष्ट्रपति बनता है तो देश को 20 साल बाद होने वाले कार्यों की रूपरेखा को 20 साल पहले लाने की कोशिश करेगा।
उन्होंने देश के सभी सांसदों व विधायकों से कहा कि आज कुछ राजनीतिक पाॢटयां लोकतंत्र से खिलवाड़ कर रही हैं क्योंकि पहले आम आदमी भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बन सकता था लेकिन अब किसी भी पार्टी की ओर से उम्मीदवार होना आम आदमी के अधिकारों से खिलवाड़ हो रहा है इसलिए इसे बचाया जाए।