सड़कों पर उतरे पत्नियों के सताए पति, महिला कानून के विरोध में देखिए क्या किया

Edited By Updated: 09 Apr, 2017 05:11 PM

husband wounded wives on the streets

फरीदाबाद में बीके चौक पर करीब दो दर्जन से ज्यादा पत्नियों से पीड़ित पतियों ने महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों को महिलाओं द्वारा दुरूपयोग करने का अरोप लगाया है। जिसके विरोध...

फरीदाबाद (अनिल राठी):फरीदाबाद में बीके चौक पर करीब दो दर्जन से ज्यादा पत्नियों से पीड़ित पतियों ने महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों को महिलाओं द्वारा दुरूपयोग करने का अरोप लगाया है। जिसके विरोध में पीड़ित पतियों ने पूरे श्रंगार किये हुए एक महिला की शव यात्रा निकाली और फिर उसका दाह संस्कार भी किया। इतना ही नहीं इस दौरान पत्नियों से पीड़ित पतियों में से दो पतियों ने तो अपने सिर का मुंडन भी करवाया। पीड़ित पतियों की मांग है कि महिला थानों की तर्ज पर पत्नियों से पीड़ित पतियों के लिये भी पुरुष थाने खोले जाएं और महिला आयोग की तर्ज पर पुरुष आयोग का भी गठन हो। इस पूरे पुरुष विरोधी कानूनों के प्रदर्शन में पीड़ित पतियों के साथ महिला भी नजर आई हैं, जो कि पुरुषों पर हो रहे अत्याचारों के लिये कानून की मांग कर रही हैं।


अभी तक आपने देखा और सुना होगा कि महिलायें अपनी सुरक्षा और हकों के लिये सडकों पर प्रदर्शन करती थी। मगर आज फरीदाबाद में पहली बार उन्हीं महिलायों से परेशान यानि कि पत्नियों से परेशान पतियों ने बीके चौक पर पूरे श्रंगार से सुसज्जित एक महिला की शवयात्रा निकाली। जिस पर महिलाओं के लिये बनाई गई आईपीएस धारा 498, 406 और 354 लिखी हुई थी। जिनका शवयात्रा के बाद दाहसंस्कार कर दिया गया और उसके बाद पत्नियों से पीड़ित पतियों ने मुडंन भी करवाया।

पीड़ित पतियों की माने तो महिलायें अपने द्वारा बनाये गये कानूनों का दुरूप्रयोग कर रही हैं। महिलाओं ने बहु गैंग बना लिया है जो कि शादी के बाद अपने पति पर कई धाराएं लगाकर उनसे पैसे वसूलती हैं जिनसे अपने और अपने भाई बहन माता-पिता का पेट भरती हैं, जिसके विरोध में उन्होंने पुरुष विरोधी कानूनों की शव यात्रा निकाली है। उनकी मांग है कि पुरुषों के लिये भी पुरुष थाने बनने चाहिये, जिससे पत्नियों से पीड़ित पति अपनी पत्नियों के खिलाफ केस कर सके और महिला आयोग की तर्ज पर पुरुषों के लिये भी पुरुष आयोग का गठन होना चाहिये। पत्नी से पीड़ित नरेश का कहना है कि उनकी 19 साल की बेटी है और उनकी पत्नी ने उनपर दहेज प्रथा का केस किया हुआ है, जो कि बेबुनियाद है।

नरेश की बेटी महिमा ने कहा कि वो भी एक लड़की है। जब वो महिला थाने में जाती है और बोलती है कि उनके पिता पर उनकी मां ने झूठा केस लगाया हुआ है तो उनकी सुनवाई नहीं की जाती है, इसलिये वो चाहती हैं कि बहुओं के लिये बनाये गये कानूनों में तब्दीली हो और पुरुषों के लिये भी कानून बनाये जायें। पीड़ित पतियों की माने तो महिलों के लिये अनेकों कानून बनाये हुए है। यहां तक जीव जंतु जानवरों के लिये भी कानून बनाये हुए हैं। मगर पुरुषों के लिये कोई कानून नहीं है। वो चाहते हैं कि पुरुषों के लिये भी कानून बने, वो आज भी पत्नी द्वारा डाले गये झूठे केस के चक्कर में हर महीने नासिक जाते हैं। वहीं बलवीर का कहना है कि वो अपनी पत्नी का पूरा ख्याल रखते थे उसके बाद भी उनकी पत्नी ने उनपर केस दर्ज करवाया हुआ है।

वहीं एक पीड़ित पति ने तो परेशान होकर एक साईकिल यात्रा निकाली हुई है, जो कि पूरे एनसीआर के पीड़ित पतियों को जागरूक कर रहे हैं और उन्हें अपने हकों के लिये सडकों पर आने के लिये प्रेरित कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में पुरुषों का साथ दे रही है महिला अनुराधा भारद्धाज का कहना है कि 99 प्रतिशत महिला पुरुषों को झूठे मामलों में फंसा रही है इसलिये उनकी मांग है कि पुरुषों के लिये भी कानून बनाये जायें।

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