Edited By Punjab Kesari, Updated: 11 Jul, 2017 08:27 AM
संत गोपाल दास के लगातार गिरते स्तर को लेकर पहली बार सरकार के हाथ पांव फूलते नजर आए।
रोहतक:संत गोपाल दास के लगातार गिरते स्तर को लेकर पहली बार सरकार के हाथ पांव फूलते नजर आए। सोमवार को संत गोपालदास की सेहत बिगड़ने के चलते उन्हें पी.जी.आई. में भर्ती करवाया गया। इसके चलते दोपहर को सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे मंत्री मनीष ग्रोवर ने संत के प्रतिनिधिमंडल को बैठक का निमंत्रण भेजा। मंत्री के निवास पर दोनों पक्षों की विशेष बैठक हुई। बैठक पूरी तरह से बेनतीजा रही। संत की गौचरान भूमि विकास बोर्ड के गठन व सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाने की मांग पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन पाई। हालांकि, सरकार पक्ष द्वारा संत को मनाने का प्रयास लगातार जारी रहा। बैठक में संत गोपालदास की ओर से 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सहित गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष भानी राम मंगला, बाबा कर्णपुरी महाराज व कृष्णानंद महाराज मौजूद रहे।
संत गोपालदास का प्रतिनिधि मंडल बैठक के दौरान भी लगातार संत से संपर्क में रहा। बैठक की शुरूआत में मंत्री मनीष ग्रोवर के गौचरान भूमि विकास बोर्ड के गठन की मांग से इंकार करने से मामला तुरंत बिगड़ गया। इस पर संत का प्रतिनिधिमंडल बैठक को बीच में छोड़कर बाहर आ गया। इसके बाद दोपहर बुलाए जाने पर गौचरान भूमि विकास बोर्ड के गठन की बात पर सहमति बनी। मंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा कि मैं प्रैस कांफ्रैंस कर इस बात की पुष्टि कर देता हूं लेकिन, इस पर संत समर्थकों ने साफ शब्दों में कहा कि अब आश्वासन पर अनशन समाप्त होने की कोई गुंजाइश नहीं है। चंडीगढ़ से सी.एम. प्रैस कांफ्रैंस करें व साथ में लिखित में दिया जाए कब तक गौचरान भूमि विकास बोर्ड का गठन होगा। देर शाम तक संत समाज व सरकार द्वारा संत गोपालदास के अनशन को समाप्त करवाने का प्रयास किया जाता रहा लेकिन संत ने गाय की हालात सुधरने की दिशा में उठाए कदम को किसी आश्वासन पर अनशन समाप्त न करने की बात ही दोहाराई।