Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Feb, 2018 12:41 PM
25 अगस्त को पंचकूला हिंसा मामले में अम्बाला जेल में बंद डेरा प्रमुख की कथित मुंह बोली बेटी हनीप्रीत जल्दी ही सरकारी गवाह बन सकती है। सूत्रों के अनुसार हनीप्रीत ने एक प्रपोजल पुलिस, सरकार व अपने कुछ वकीलों को दिया है। प्रपोजल यह है कि अगर पुलिस 25...
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): 25 अगस्त को पंचकूला हिंसा मामले में अम्बाला जेल में बंद डेरा प्रमुख की कथित मुंह बोली बेटी हनीप्रीत जल्दी ही सरकारी गवाह बन सकती है। सूत्रों के अनुसार हनीप्रीत ने एक प्रपोजल पुलिस, सरकार व अपने कुछ वकीलों को दिया है। प्रपोजल यह है कि अगर पुलिस 25 अगस्त की हिंसा व अन्य मामलों में उसे सरकारी गवाह बनाए तो वह अपने वकील के माध्यम से अदालत में याचिका लगा पुलिस सरंक्षण में 3 दिन की अंतरिम राहत लेकर फरार चल रही विपासना व अन्य लोगों की पकड़वा सकती है।
आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि भले ही कोई पुलिस अधिकारी या हनीप्रीत के वकील न करें, लेकिन हनीप्रीत इस तरह की खिचड़ी पकाने के लिए हर पैंतरा आजमा रही है। वहीं डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हनीप्रीत की पेशकश पर यकीन करना पुलिस प्रशासन के लिए सहज नहीं होगा। चर्चा है कि हनीप्रीत डेरे में अपनी प्रमुख प्रतिद्वन्द्वी रही विपासना को शिकंजे में लाने व एक्सपोज करने के लिए यह खेल खेलने की प्लानिंग में है।
हनीप्रीत कि यह प्लानिंग कितनी सिरे चढ़ेगी या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है। यह भी चर्चा है कि हनीप्रीत के परिजन व शुभचिंतक कुछ पुलिस अधिकारियों के संपर्क में हैं व ऐसे प्रोपजल का जिक्र कर चुके हैं। कानून विशेषज्ञों के अनुसार जब हनीप्रीत खुद विपासना की धरपकड़ में पुलिस की मदद के लिए तैयार हो तो पुलिस के पास भी हनीप्रीत को पुन: प्रोटैक्शन वारंट पर ले पुन रिमांड प्राप्त करने का कानूनी अधिकार है लेकिन ऐसी स्थिति में हनीप्रीत को सरकारी गवाह बनाना सहज नहीं हो सकता। हनीप्रीत के वकील अगर न्यायलय में एप्लिकेशन मूव करने का कोई कदम उठाते हैं तो भी सरकारी गवाह बनने में हनीप्रीत के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट उसके विरुद्ध अदालत में दायर चालान है।