अब मैडीकल स्टोर्स पर उपलब्ध होंगी होम्योपैथिक दवाइयां

Edited By Punjab Kesari, Updated: 28 Nov, 2017 11:07 AM

homeopathic medicines will now be available at medical stores

वर्तमान दौर में सरकार की ओर से लोगों के खान-पान को सही रखने की नसीहत देते हुए जहां स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, वहीं अब होम्योपैथिक दवाइयों को आमजन तक आसानी से पहुंच बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम उठाया गया है। इसके तहत...

सिरसा(संजय अरोड़ा):वर्तमान दौर में सरकार की ओर से लोगों के खान-पान को सही रखने की नसीहत देते हुए जहां स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, वहीं अब होम्योपैथिक दवाइयों को आमजन तक आसानी से पहुंच बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम उठाया गया है। इसके तहत सरकार द्वारा ऐसी पॉलिसी बनाई गई है कि आने वाले समय में एलोपैथिक दवाइयों वाले मैडीकल स्टोर पर होम्योपैथिक दवाइयां भी उपलब्ध रहेंगी। अहम बात ये है कि इसके लिए मैडीकल स्टोर संचालक को कोई अलग से लाइसैंस की अनिवार्यता नहीं रहेगी।
 

यह बनाई पॉलिसी
गौरतलब है कि मैडीकल स्टोर खोलने के लिए संबंधित को कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इसके बाद ही ड्रग एवं कॉस्मैटिक एक्ट के तहत लाइसैंस जारी कर संबंधित को एलोपैथिक दवाइयां बेचने का अधिकार मिलता था, लेकिन वह अपने मैडीलक स्टोर पर सिर्फ एलोपैथिक दवाइयां ही बेच सकता था। सरकार ने अब एक ऐसी पॉलिसी तैयार की है जिससे न केवल दवाई विक्रेता खुश हैं बल्कि होम्योपैथिक पद्धति से उपचार लेने वाले खासकर ग्रामीण भी राहत महसूस कर रहे हैं।

इन्हें मिलेगा फायदा
गांवों में खुले मैडीलक स्टोर पर होम्योपैथिक दवाइयों की उपलब्धता होने से ग्रामीणों व पशुपालकों को भी खासा लाभ होगा। कारण साफ है कि गांवों में रहने वाले ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक है जो बजाए एलोपैथिक दवाइयों के होम्यो तकनीक से परामर्श लेते हैं। यही नहीं, कहा जाता है कि पशुओं के लिए भी होम्योपैथिक दवाइयां अधिक गुणकारी होती हैं, लेकिन इन पशुपालकों को भी दूसरे लोगों की मानिंद होम्यो दवाई लेने के लिए शहर में ही जाना पड़ता था, लेकिन अब इस पॉलिसी के तहत गांवों में ही होम्योपैथिक दवाइयों की उपलब्धता होने से समय और आर्थिक रूप से ग्रामीणों की बचत होगी।

यह है नियम
10 नवम्बर, 2017 को केंद्र सरकार द्वारा इस सिलसिले में जारी किए गए नोटिफिकेशन के तहत जहां एलोपैथिक के लाइसैंस पर ही होम्यापैथिक दवाइयों की उपलब्धता होगी, वहीं इस दिशा में कुछ नियम भी बनाए गए हैं।  इन नियमों के तहत होम्योपैथिक दवाइयों को अलग से रखना होगा और निर्माता द्वारा निर्मित सीलबंद पैकिंग में ही बेचनी होंगी। इसके अलावा खरीद-बेच का पूरा रिकार्ड रखना होगा।
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सरकार का कदम सार्थक : डा. जिंदल
एक होम्यो क्लीनिक के संचालक डा. कमल जिंदल ने कहा कि ये बात किसी से छिपी नहीं कि होम्योपैथिक दवाइयां बीमारियों के उपचार में चमत्कार करती हैं। मगर इनकी उपलब्धता आम आदमी खासकर ग्रामीणों के लिए आसानी से नहीं थी। अब जबकि केंद्र सरकार ने होम्योपैथिक दवाइयों के बढ़ावे हेतु जहां आयुष मंत्रालय को सक्रिय किया है, वहीं ग्रामीण इलाकों में एलोपैथिक दवाइयों के स्टोर पर ही होम्योपैथिक दवाइयों की उपलब्धता करवाने के निर्णय से जाहिर है कि लोगों का रुझान एलोपैथिक के बजाय होम्यो पद्धति की ओर होगा।
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अब जरूरत नहीं नए लाइसैंस की : डा. आहूजा
स्टेट ड्रग कंट्रोलर डा. नरेंद्र आहूजा ने बताया कि बीती 10 नवम्बर को भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसके तहत अब एलोपैथिक विक्रेता भी अपने स्टोर पर होम्यो दवाइयां रख सकेगा और बेचने का अधिकार होगा। केंद्र सरकार की इस नीति से जहां होम्योपैथिक दवाइयों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं लोगों को भी लाभ पहुंचेगा। डा. आहूजा ने कहा कि पहले होम्योपैथिक दवाइयों की खरीद-बेच के लिए अलग से लाइसैंस लेना पड़ता था और यही कारण था कि कोई भी लंबी प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना चाहता था, मगर अब उसी लाइसैंस पर प्रावधान कर दिया गया है कि संबंधित को होम्यो दवाइयों के लिए लाइसैंस नहीं लेना पड़ेगा।


 

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