शिक्षा विभाग का अहम फैसला, अब बोर्ड से पहले देनी होगी प्री-बोर्ड परीक्षा

Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 Dec, 2017 05:58 PM

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राइट टू एजुकेशन की खामियों को दूर करने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने एक अहम कदम उठाया है। बोर्ड की तरफ से पहली बार 10वीं 12वीं में प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा सीबीएसई की तर्ज पर देनी हाेगी। इस परीक्षा का पैटर्न वार्षिक...

चंडीगढ़(ब्यूरो): राइट टू एजुकेशन की खामियों को दूर करने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने एक अहम कदम उठाया है। बोर्ड की तरफ से पहली बार 10वीं 12वीं में प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा सीबीएसई की तर्ज पर देनी हाेगी। इस परीक्षा का पैटर्न वार्षिक परीक्षाओं की तरह ही होगा और विद्यार्थी द्वारा प्राप्त अंकों में से अधिकतम 24 अंक वार्षिक परीक्षा में दर्ज किए जाएंगे। बोर्ड ने राइट टू एजुकेशन के चलते छोटी कक्षाओं में वार्षिक परीक्षाएं होने के कारण 10वीं-12वीं में बच्चे का एजुकेशन बेस मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया है। 

शिक्षा बोर्ड ने उठाया महत्वपूर्ण कदम
राइट टू एजुकेशन के चलते सरकारी स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं होने के कारण पहली से आठवीं तक के बच्चों को बिना फेल किए अगली कक्षा में दाखिला दिया जाता है। इस पॉलिसी के तहत फेल होने वाले कमजोर बच्चे भी अगली कक्षा में दाखिला पा लेते हैं। लेकिन 10वीं 12वीं बोर्ड की कक्षाओं में आकर वार्षिक परीक्षाओं के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाते। जिसके कारण परिणाम खराब रहता है और बच्चे का भविष्य भी अंधकार में रहता है। इसी को देखते हुए बोर्ड प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब 10वीं 12वीं के विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षाओं से पहले जनवरी माह की मासिक परीक्षा की जगह प्री बोर्ड परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा में सभी सब्जेक्ट शामिल किए जाएंगे। 

बच्चों का बेस मजबूत करने के लिए ली जाएंगी प्री बोर्ड परीक्षाएं
जिलागणित विशेषज्ञ रमेश कुमार ने कहा कि शिक्षा बोर्ड ने राइट टू एजुकेशन के चलते पास होने वाले कमजोर बच्चों को भी अगली कक्षा में सीधे दाखिला देने की पॉलिसी के बाद बड़ी कक्षा में जाकर बच्चे का बेस मजबूत करने के लिए मासिक की जगह प्री बोर्ड परीक्षाएं लेने का फैसला किया है। इस परीक्षा में 10वीं 12वीं के बच्चों को शामिल किया गया है। 

बच्चों के मन से निकलेगा बोर्ड परीक्षा का डर
डीईईओ संगीता बिश्नोई ने कहा कि प्री बोर्ड परीक्षाएं शुरु होने के बाद शिक्षा में सुधार होगा। वार्षिक परीक्षाओं के पैटर्न को देखकर बच्चे भविष्य की परीक्षा के लिए तैयार होगा। साथ ही बच्चों के मन से बोर्ड परीक्षा का डर भी निकलेगा अौर आत्मविश्वास के साथ मानसिक रुप से मेच्योर होंगे। 

वार्षिक परीक्षा में जुड़ेंगे अंक 
यदि परीक्षा में प्रश्न पत्र नहीं आते हैं तो इनको तैयार करने की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की रहेगी। यह परीक्षा स्कूल के शिक्षकों की ही देख-रेख में ही होगी और शिक्षा विभाग के अधिकारी इसका निरीक्षण करेंगे। प्री बोर्ड परीक्षा के दौरान विद्यार्थी को विभिन्न सब्जेक्ट के पेपर देने होंगे। प्रत्येक सब्जेक्ट के कुछ अंक वार्षिक परीक्षा में जोड़े जाएंगे। जिसमें अधिकतम 80 अंकों की परीक्षा के 30 फीसदी, 60 अंकों की परीक्षा के 40 फीसदी, 50 अंकों की परीक्षा के 48 फीसदी, अधिकतम 40 अंकों की परीक्षा के 60 फीसदी वार्षिक परीक्षा में जोड़े जाएंगे। परीक्षा बोर्ड के फैसले के अनुसार 9वीं 11वीं के बच्चों को भी वार्षिक परीक्षा से पहले खुद का लेवल जांचना होगा। इसके लिए उन बच्चों को दिसंबर जनवरी के सिलेबस के साथ मासिक परीक्षा देनी होगी। 
 

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