शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, 2 पेपरों में फेल हुए तो नहीं मिलेगा दूसरा मौका

Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 May, 2017 03:04 PM

haryana school education board

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10वीं के परीक्षा परिणाम में 2 विषयों में फेल विद्यार्थियों को पूर्ण फेल घोषित कर दिया है जिससे प्रदेश के हजारों

रतिया(पंकेस):हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10वीं के परीक्षा परिणाम में 2 विषयों में फेल विद्यार्थियों को पूर्ण फेल घोषित कर दिया है जिससे प्रदेश के हजारों विद्यार्थी सदमे में हैं। इससे पहले बोर्ड 2 पेपरों में फेल विद्यार्थियों को री-अपीयर देता था तथा विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रवेश ले लेता था। वहीं उसे फेल विषयों को पास करने के अवसर भी मिल जाते थे लेकिन इस बार पूर्ण फेल घोषित करने के बावजूद जहां बच्चे मायूस हैं, वहीं अभिभावक भी असमंजस की स्थिति में हैं कि बच्चों को आगे कैसी पढ़ाई करवाएं। 

अभिभावकों का कहना है कि बोर्ड ने यह निर्णय बच्चों के हित में नहीं लिया है। बोर्ड के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों बच्चे शिक्षा से दूर हो रहे हैं। बच्चे अब दोबारा से 10वीं कक्षा में बैठने के लिए तैयार नहीं हैं। अगली कक्षा में प्रवेश के सभी रास्ते बोर्ड ने बंद कर दिए हैं।

2 विषयों में कम्पार्टमैंट पर फेल करना गलत
प्राइवेट स्कूल वैल्फेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने 2 विषयों में फेल होने पर कम्पार्टमैंट नहीं देने पर आपत्ति जताई है। वहीं अभिभावकों का कहना था सत्र के प्रारंभ में ऐसा कोई नियम नहीं था कि 2 विषयों में कम्पाटमेन्ट वाले विद्यार्थी फेल होंगे। इस बार 2 विषयों में फेल होने वाले विद्यार्थियों को कम्पार्टमैंट देने की बजाय फेल कर दिया गया। फेल घोषित होने ऐसे बच्चे आगे दाखिला नहीं ले सकते जबकि पिछले साल 2 विषय में फेल होने वाले बच्चों को कम्पार्टमैंट घोषित किया जाता था जिससे वे 11वीं में दाखिला ले सकते थे। 

11वीं पास भी कर लेते थे तथा अपना कम्पार्टमैंट भी तोड़ लेते थे। सी.बी.एस.ई. में 2 विषय में बच्चे के फेल होने पर 11वीं में दाखिला भी दिया जा रहा है। यू.पी. बोर्ड में भी 2 विषय में फेल होने पर कम्पार्टमैंट का प्रावधान है। राजस्थान बोर्ड में भी छात्रों को सी.सी.ई. यानि सतत् मूल्यांकन अंक को प्राप्तांक में जोड़कर पास करने का प्रावधान है। निजी स्कूल संगठन के जिला प्रधान रोमी गोस्वामी द्वारा फिर से पुराने नियम के आधार पर परिणाम देने की मांग की है ताकि बच्चों के भविष्य को खराब होने बचा सा सके। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार इस तरह के निर्णय लेकर बेटियों को आगे पढ़ाई करने से वंचित कर रही है।

यह कहते हैं प्रदेश महासचिव
प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेश महासचिव बलदेव सैनी का कहना है कि बोर्ड ने 2 पेपर में कम्पार्टमैंट न देकर पूर्ण फेल कर बच्चों को निराश किया है। बोर्ड अपने इसी तुगलकी फरमानों के कारण हमेशा चर्चित रहा है। बोर्ड ने एक वर्ष में लगातार 2 बार परिवर्तन कर दिए हैं। जहां इस वर्ष समैस्टर प्रणाली खत्म कर दी है, वहीं 2 पेपरों में कम्पार्टमैंट खत्म करने से बच्चे पूरी तरह से सदमे में हैं। बोर्ड को बच्चों के हित को देखते हुए अपना यह निर्णय वापस लेना चाहिए। अगर बोर्ड ने अपना यह निर्णय वापस नहीं लिया तो आने वाले समय में हरियाणा बोर्ड से बच्चे अन्य बोर्डों में पलायन कर जाएंगे।

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