बच्चे को विकलांग बनाकर भीख मंगवा रहे परिजन, पूछने पर खोला राज

Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Jul, 2017 12:35 PM

haryana panipat  begging child rights protection committee

8-9 साल की आयु का अबोध बच्चा खुद को गूंगा और बहरा बताने वाला बच्चा और हाथ में एक प्रमाण पत्र लेकर अपनी विकलांगता का सबूत पेश करने वाला बच्चा, यदि आपकी

पानीपत(सुनील सरदाना):8-9 साल की आयु का अबोध बच्चा खुद को गूंगा और बहरा बताने वाला बच्चा और हाथ में एक प्रमाण पत्र लेकर अपनी विकलांगता का सबूत पेश करने वाला बच्चा, यदि आपकी दुकान या घर पर आकर हाथ फैलाए तब निश्चित रूप से आप उसे खाली नहीं जाने देंगे। भीख देना सरासर गलत है, यह जानते हुए भी केवल मानवता के नाते बच्चे को 5 या 10 रुपए तक जरूर देंगे। 

सरकार, प्रशासन और बाल अधिकार संरक्षण समिति द्वारा भले ही भिखारियों को बढ़ावा न दिए जाने की लाख अपील करें लेकिन इन अपीलों को नजरअंदाज कर भिखारियों को मजबूती प्रदान करने वाले लोग सावधान हो जाएं। शहर में इन दिनों ऐसा गिरोह सक्रिय है जो बच्चों से भीख मंगवाने का काम कर रहा है, गिरोह किसी और से नहीं बल्कि अपने ही बच्चों को इस धंधे में उतार रहा है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण उस समय देखने को मिला जब बस स्टैंड के पास अपनी कटी जीभ दिखाकर भीख मांग रहे एक बच्चे को दुकानदार ने बैठाकर सख्ताई से पूछताछ की तब बच्चे ने न केवल अपनी पूरी जीभ निकाल ली बल्कि जानकारी दी कि उसके परिजनों द्वारा ही उससे भीख मंगवाई जा रही है। 

मदद करना चाहते थे दुकानदार, घबराए बच्चे ने खोला राज
बेहद मासूम-सा दिखाई देने वाला और खुद को गूंगा-बहरा बताकर हाथ फैलाते हुए एक बच्चा बस स्टैंड के पीछे स्थित मोबाइल मार्कीट में स्थित एक दुकान पर पहुंचा। दुकान के मालिक रणित कपूर ने बच्चे को अपने पास बैठा लिया और उससे उसकी हालत के संबंध में पूछताछ करने का प्रयास किया। रणित के मुताबिक बच्चे की हालत को देखते हुए वे उसके लिए कुछ मदद जुटाना चाहते थे लेकिन बच्चा जल्द ही घबरा गया और उसने मुंह में घुमाकर छिपाई गई अपनी जीभ को बाहर निकालकर बता दिया कि वह गूंगा-बहरा नहीं है। इस घटना से रणित और आसपास मौजूद रहे लोग हैरान रह गए।

बच्चे ने बताया कि वह परिवार के साथ रेलवे स्टेशन के पास रह रहा है और उसके दादा व पिता ने उसे जीभ को मोड़कर गूंगा बनने की पूरी प्रैक्टिस करवाई है। वह बीते करीब एक साल से रोजाना बाजार में निकलता है, गूंगा बनने की एक्टिंग करता है और रोजाना करीब 100 रुपए की कमाई करके अपने परिजनों को देता है।

औद्योगिक नगरी पानीपत में सड़क, चौक-चौराहों पर विशेषकर शापिंग माल के आसपास के क्षेत्र में नवजात बच्चों को गोद में उठाकर भीख मांगने का जाल तेजी से फैल रहा है। गंदे, मैले कुचेले कपड़ों में लिपटी महिलाएं निर्वस्त्र बच्चों को गोद में उठाकर बच्चों को दूध पिलाने के नाम पर भीख मांगती नजर आती हैं। इंसानियत के नाम पर लोग बच्चों के लिए कुछ राशि जरूर देकर जाते हैं लेकिन दान में मिली राशि का उपयोग दूध खरीदकर बच्चे का पेट भरने के बजाय जहां अन्य प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है वहीं चिलचिलाती धूप में महिलाएं बच्चे को लेकर फिर से लोगों के सामने हाथ फैलाती नजर आती हैं। विशेष बात यह है कि बच्चे अक्सर सोए ही नजर आते हैं और भीख मांगने के दौरान कभी रोते या किसी प्रकार की हरकत करते नजर नहीं आते हैं। इसके साथ ही अनेक स्थानों पर महिलाओं को गोद में दिखाई देने वाले बच्चों का रंग-रूप महिलाओं के साथ मेल नहीं खाता दिखाई देता है जिससे प्रतीत होता है कि बच्चे को कहीं से उठाकर लाया गया है अथवा किसी गिरोह द्वारा केवल भीख मांगने के उद्देश्य से उसे मुहैया करवाया गया है। 

वहीं, प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण समिति के अध्यक्ष स.परमजीत सिंह बड़ौला नवजात के सहारे और छोटी आयु के बच्चों के माध्यम से भीख मंगवाए जाने को अनैतिक कार्य करार देते हैं। वे कहते हैं कि पंजाब केसरी के माध्यम से उन्हें विकलांग बनकर भीख मांगने के मामले की जानकारी हुई है, इस संबंध में बच्चे के परिजनों तक पहुंचते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। समिति की अगली बैठक में पूरे प्रदेश में ऐसी महिलाओं व बच्चों को ढूंढने और उनका डी.एन.ए. करवाने का प्रस्ताव पास किया जाएगा जिसके बाद जिला प्रशासन व पुलिस की सहायता से इन महिलाओं को पकड़ा जाएगा।
 

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