बचपन का सपना साकार कर प्रियंका बनी प्रदेश की पहली महिला पायलट

Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Jul, 2017 12:50 PM

haryana fatehabad priyanka pilot

''मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है'' ऐसा ही कुछ कर दिखाया फतेहाबाद के छोटे से गांव

फतेहाबाद(रमेश भट्ट):'मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है' ऐसा ही कुछ कर दिखाया फतेहाबाद के छोटे से गांव सूलीखेड़ा के किसान की लाड़ो ने। बचपन में सपने देखे और जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही उसे साकार भी कर दिखाया। फतेहाबाद के ग्रामीण आंचल से प्रियंका पहली महिला पायलेट बनी। इस उपलब्धि को पाने के बाद गांव पहुंचने पर गांव वालों ने उसका स्वागत किया। प्रियंका की इस उपलब्धि से गांव में खुशी का माहौल है। 
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सहपाठी और परिजन उड़ाते थे हंसी
बचपन में हवाई जहाज को उड़ता देख उसे उड़ाने की बात करने वाली प्रियंका की बातों को अक्सर उसके सहपाठी और परिजन हंसी उड़ा दिया करते थे, लेकिन प्रियंका ने उसे न केवल अपना लक्ष्य बनाया बल्कि पूरा भी कर दिखाया। आज प्रियंका आसमान में हवाई जहाज उड़ा रही है। प्रियंका ने कहा कि मन मे कुछ कर गुजरने की तमन्ना तो हर मुकाम को हासिल किया जा सकता है। जिन लोगों ने उनके सपनों का मजाक उड़ाया था, आज वही लोग मेरे द्वारा जहाज चलाए जाने की कला को देखने के लिए आसमान की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं। प्रियंका की इस उपलब्धि का पता चलते ही उसके परिजनों, सहपाठियों के साथ-साथ पूरे गांव में हर्ष का माहौल है। 
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2006 में रखा था सपने को पूरा करने की दिशा में पहला कदम
प्रियंका के पिता सूरजमल ने बताया कि वर्ष 2006 में कड़ी मेहनत कर अपने बचपन के सपने को पूरा करने के दिशा में पहला कदम रखा। प्रियंका ने वर्ष 2007 में बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की और इंडियन एविएशन बोर्ड के एग्जाम में देहली फलाईंग क्लब से अपने सपने को साकार करने की शुरूआत की। उसके बाद डब्ल्यूसीसी एक्सेल एयर एविएशन फलाईंग स्कूल, फिलिपिन्स से अपना प्रशिक्षण पूर्ण किया। फिलिपिन्स से अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रियंका ने सात चरणों की कठिन परीक्षा और प्रेक्टिकल व साक्षात्कार को बखूबी उत्तीर्ण करते हुए इंडिगो एअरलाइंस में बतौर पायलट नियुक्ति हासिल की है। इस नियुक्ति पर उनके परिवार के सदस्यों में खुशी का माहौल है। 
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लड़कियों को दिया संदेश
वहीं प्रियंका ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और अपनी मेहनत व लगन को दिया है। प्रियंका के पति सूर्य प्रताप सिंह चहल बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में डिप्टी कमांडेंट के पद पर हैं तथा वर्तमान में फिरोजपुर पंजाब में तैनात हैं। प्रियंका अब अपने गांव के साथ-साथ सभी उन लड़कियों के लिए आज प्रेरणा बन चुकी है, जो सपने देखती है और कुछ बनना चाहती हैं। प्रियंका लड़कियों से कहती है कि सपने देखो और उसे पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दो, मंजिल अवश्य मिलेगी।      
 

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