बदल रह्या म्हारा हरयाणा, देश में हो रही पूरी 'चढाई'

Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Jun, 2017 05:47 PM

haryana are free from defecation

पंचायत एवं विकास मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ गुरुवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से रू-ब-रू हुए। जहां उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, सिक्किम व केरल राज्यों के

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):पंचायत एवं विकास मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ गुरुवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से रू-ब-रू हुए। जहां उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, सिक्किम व केरल राज्यों के बाद ग्रामीण हरियाणा चौथे नंबर में खुले में शौच मुक्त प्रदेश बन गया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ओ.डी.एफ. करने के लिए स्वर्ण जयंती वर्ष अर्थात एक नवम्बर, 2017 का लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य को पंचायत एवं विकास विभाग द्वारा 30 जून तक निर्धारित किया गया। जबकि निर्धारित समय से पूर्व ही यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया, जो अपने आप में एक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अब इसे निरंतर बनाए रखना है और ओ.डी.एफ. प्लस अर्थात ठोस, तरल कचरे का निपटान भी हर घर अपने स्तर पर करें, जिसकी योजना तैयार की जा रही है। आरम्भ में 16 पॉयलट परियोजनाओं पर कार्य चलेगा। 
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उन्होंने कहा कि ओ.डी.एफ. मुक्त बनाने में मीडिया की भी अहम भूमिका रही है। खुले में शौच जाना एक आदत से जुड़ा हुआ मुद्दा है और इस व्यवहार में बदलाव लाना एक चुनौती भरा कार्य है। 2012 के सर्वे के अनुसार ग्रामीण हरियाणा में 30 लाख 24 हजार 600 घर थे, जिनमें से 7 लाख 51 हजार 180 घरों में शौचालय नहीं थे। वर्तमान सरकार के ढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में ग्रामीण हरियाणा के हर घर में शौचालय बनना संभव हुआ है। चाहे वह पंचायती चुनाव लड़ने के लिए घर में अनिवार्य रूप से शौचालय होने की शर्त हो। इस निर्णय से चुनाव के समय 51000 से अधिक शौचालय बने थे। उन्होंने कहा कि जिन गांवों की जनसंख्या 10000 से अधिक है, वहां पर सीवरेज की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी, पहले चरण में 15 गांव का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य स्मार्ट विलेज बनाने की है, इसमें समाज के लोगों का भी सहयोग लिया जाएगा। 20 वर्ष तक आयु तक के युवाओं को ग्रामीण विकास में भागीदार बनाने के लिए ‘तरूण’ नामक योजना शुरू की गई। 

धनखड़ ने कहा कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के साथ मिलकर पंचायत एवं विकास विभाग एक प्राधिकरण का गठन जो प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के 15000 से अधिक तालाबों के पानी का त्रिस्तरीय पद्धति के माध्यम से उपचारित कर सिंचाई के लिए उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रारम्भ में 50 से 100 एकड़ जमीन को सिंचित करने की पहचान की जाएगी। इसके अलावा, गंदे पानी की निकासी ड्रेन के माध्यम से इसकी भी कार्य योजना तैयार की जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एक सामुदायिक स्वच्छता नेतृत्व दृष्टिकोण अपनाने के कारण अपने लक्ष्य प्राप्त करने में सफल हो चुका है। इसके लिए उन्होंने ग्राम पंचायतों के जन-प्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संगठनों, समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ-साथ विभाग के अधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया है। 

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सूरजमुखी की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हो, इसके लिए 50 प्रतिशत हिस्सा केन्द्र सरकार अपने स्तर पर खरीदे। इसके लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया है और शेष 50 प्रतिशत की खरीद हरियाणा सरकार अपनी खरीद एजेन्सी के माध्यमों से करवाएगी।

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