Edited By Updated: 05 Dec, 2016 11:55 AM
दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर ट्रेनों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने स्पैशल नाइट चैकिंग अभियान शुरू कर दिया है जिसके अंतर्गत रेलवे कर्मचारी द्वारा रात के समय पटरियों
सोनीपत: दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर ट्रेनों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने स्पैशल नाइट चैकिंग अभियान शुरू कर दिया है जिसके अंतर्गत रेलवे कर्मचारी द्वारा रात के समय पटरियों की सुरक्षा पर पैनी नजर रखी जा रही है। रेलवे इंजीनियरिंग की स्पैशल टीम न सिर्फ रात के समय चलने वाली गाड़ियों के इंजन में बैठकर पटरियों की निगरानी कर रही है बल्कि पैदल चलकर भी पटरियों की जांच की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि सोनीपत क्षेत्र में कालका मेल सहित कई हादसे हो चुके हैं जिसके अंतर्गत ट्रेन पटरी से उतर चुकी है, वहीं कानपुर में पास हुए बड़े हादसे ने रेलवे कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया है। ऐसे में ठंड बढ़ने की वजह से पटरियों पर पड़ने वाले प्रभाव की लगातार रात को गश्त लगाकर कर्मचारी जांच कर रहे हैं।
तापमान में बदलाव से पड़ता पटरियों पर असर
विशेषज्ञों के अनुसार मौजूदा समय में दिन के समय तापमान 25 से 30 डिग्री के बीच में बना रहता है, वहीं रात के समय तापमान 10 से 12 डिग्री पहुंच जाता है। ऐसे में दिन और रात के तापमान में आने वाले अंतर का असर लोहे की रेलवे पटरियों पर भी पड़ता है। इसके कारण कई बार पटरियां क्रेक हो जाती हैं या फिर कमजोर हो जाती हैं जिसके चलते तेज गति से गुजरने वाली ट्रेनों के लिए खतरा पैदा हो जाता है। ऐसे में रेलवे कर्मचारियों द्वारा अब रात में गश्त बढ़ा दी गई है।
आधुनिक मशीनों का भी किया जाता है इस्तेमाल
पटरियों के जांच करने के लिए आधुनिक मशीनों का भी इस्तेमाल किया जाता है। जिसके अंतर्गत एक्स-रे मशीन भी शामिल होती है जो पटरी के अंदर की स्थिति को उजागर कर देती है। ऐसी स्थिति में अगर किसी स्थान पर पटरी कमजोर दिखाई देती है तो तुरन्त उसे बदल दिया जाता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
उत्तर रेलवे मंडल के प्रैस प्रवक्ता अजय माइकल ने बताया कि रेलवे ट्रेनों की सुरक्षा के कारगर कदम उठा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से आधुनिक उपकरणों और पद्धतियों को अपनाया जा रहा है। ठंड के समय निगरानी अधिक बढ़ा दी जाती है।