73वें संविधान संशोधन को लागू करने की आवाज बुलंद, सरकार को 16 अगस्त तक का अल्टीमेटम

Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Jul, 2017 03:21 PM

gram panchayat government

गांव के विकास की योजना बनाने से लेकर उस पर पैसा खर्च करने तक के तमाम अधिकार ग्राम पंचायत को दिए जाने को लेकर पारित किए गए 73वें संविधान

जींद:गांव के विकास की योजना बनाने से लेकर उस पर पैसा खर्च करने तक के तमाम अधिकार ग्राम पंचायत को दिए जाने को लेकर पारित किए गए 73वें संविधान संशोधन को लागू करने की आवाज जींद से बुलंद हुई। सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान सुरेंद्र राणा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सरपंच सम्मेलन का आयोजन यहां की नई अनाज मंडी में किया गया जिसमें प्रदेश भर के सरपंच जमा हुए। 

सरपंचों ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि 73वें संविधान संशोधन को लागू किया जाए। सरपंचों को 30 हजार और पंचों को 10 हजार रुपए मासिक मानदेय दिया जाए। किसी सरपंच के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किए जाने में वही प्रक्रिया अपनाई जाए, जो किसी विधायक या सांसद के खिलाफ मामला दर्ज करने में अपनाई जाती है। खंड स्तर के अधिकारियों की ए.सी.आर. लिखने का अधिकार सरपंचों को मिले। सरपंचों के लिए पैंशन तथा 50 लाख रुपए का जोखिम बीमा करवाने की मांग भी की गई। इन मांगों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार को 16 अगस्त तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि उस समय तक मांग पूरी न हुई तो 17 अगस्त को प्रदेश में तमाम सरपंच पंचायती कामकाज का विरोध करेंगे।

सम्मेलन में सरपंचों ने एक सुर में कहा कि विकास कार्यों के लिए राशि खर्च करने की सीमा समाप्त की जाए। ढाणियों में रहने वाले परिवारों के घरों तक कच्चे रास्तों को पक्का करने का अधिकार पंचायतों को मिले। पंचायती भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त करवाने के लिए एंटी एन्कोलिजमैंट टीम का गठन जिलास्तर पर किया जाए। जिन पंचायतों के पास अपना फंड नहीं, उन्हें प्रति वर्ष 10 लाख रुपए का फंड दिया जाए। प्रदेशभर में पंचायती राज विभाग में खाली पड़े जे.ई. के पद भरे जाएं। मनरेगा से संबंधित सभी कार्यों के पूर्ण अधिकार सरपंच के अधीन हो। सम्मेलन में गांगोली के सरपंच बलबीर सिंह, बहादुरगढ़ के सरपंच सुशील, रूपगढ़ के सरपंच संदीप, खेड़ी मसानियां के सरपंच अजमेर श्योकंद सहित कई सरपंचों ने अपने विचार रखे।

वि.स., लो.स. चुनाव में लागू हो शैक्षणिक शर्त 
मिर्जापुर के सरपंच महिपाल ने कहा कि अपनी ताकत से सरपंच दिल्ली और चंडीगढ़ में ए.सी. कोठियों में बैठे विधायकों और मंत्रियों को गांवों की चौपाल में लाकर खड़ा करने को मजबूर कर सकते हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी शैक्षणिक शर्त लागू की जाए। सरपंच एसोसिएशन रेवाड़ी के जिला प्रधान कर्ण सिंह ने कहा कि सरपंच अपनी सरपंची तो करेंगे लेकिन किसी ओर को ठेकेदारी नहीं करने देंगे। कैथल सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान ने कहा कि वह सरकार को इतना मजबूर कर देंगे कि या तो वह सरपंचों की मांग मान लेगी या फिर सी.एम. और उनके मंत्री इस्तीफा दे देंगे।

राष्ट्रीय लोक स्वराज पार्टी सम्मेलन में हुई शामिल
पिछले काफी समय से 73वें संविधान संशोधन को लागू करवाने के लिए पूरे प्रदेश में बड़ी मुहिम चला रहे रिटायर्ड आई.जी. और राष्ट्रीय लोक स्वराज पार्टी के अध्यक्ष रणबीर सिंह शर्मा भी सरपंच सम्मेलन में शामिल हुए।
 

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