व्यापारियों के लिए खास खबर: जीएसटी के बाद सरकार ला रही ई-वे बिल (VIDEO)

Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Jan, 2018 07:53 PM

सरकार की ओर से नोटबंदी और जीएसटी के बाद ई-वे बिल लाने की तैयारी की जा रही है। ये बिल 1 फरवरी से लागू कर दिया जाएगा। इसके बिना एक राज्य से दूसरे राज्य और राज्य के भीतर सामान की डिलीवरी नहीं हो सकेगी। इस बिल को लाने की सरकार की मंशा भ्रष्टाचार और...

अंबाला(अमन कपूर): सरकार की ओर से नोटबंदी और जीएसटी के बाद ई-वे बिल लाने की तैयारी की जा रही है। ये बिल 1 फरवरी से लागू कर दिया जाएगा। इसके बिना एक राज्य से दूसरे राज्य और राज्य के भीतर सामान की डिलीवरी नहीं हो सकेगी। इस बिल को लाने की सरकार की मंशा भ्रष्टाचार और फर्जी बिलों के जरिए हो रहे दो नंबर के कारोबार को रोककर सरकारी खजाने को भरने की है। अंबाला के उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त ने बिल से जुड़ी तमाम हिदायतें कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों और अपने विभाग के अधिकारियों को भिजवा दी हैं।

50हजार से ज्यादा के माल पर दिखाना होगा बिल
विभाग के अधिकारी बताते हैंं कि विभाग की हिदायतों के अनुसार जो भी कारोबारी या व्यापारी 50 हजार रुपयों से अधिक के माल की खरीद करेगा उसे यह आनलाइन बिल जेनरेट करना पड़ेगा। इसके बाद ही वह माल व्यापार के लिए मान्य माना जाएगा। यह बिल राज्य के भीतर और राज्य के बाहर कारोबार करने के लिए जरूरी होगा। इस बिल को उत्पादक, ट्रांसपोर्टर और प्राप्तकर्ता में से कोई एक भी बना सकता है। विभाग की वेबसाईट पर कारोबारी को अपना जीएसटीएन और मोबाइल नंबर डालकर खुद को रजिस्टर करना होगा जिसके बाद रजिस्टर होते ही वह बिल जैनरेट करने के लिए मान्य हो जाएंगे। बाकायदा आईडी उसी वक्त बन जाएगी जिसके बाद कारोबारी किसी भी वक्त अपना परमानेंट रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कर सकते हैं।

ई-वे बिल के दो चरण
ई-वे बिल के दो चरण हैं। पहले चरण में बिल बनाने वाले को बिल की पूरी डिटेल जैसे सामान का प्रारूप, उत्पादक और प्राप्तकर्ता के बारे में डिटेल डालनी होगी। जहां से यह बिल बना है और जहां लेकर जाया जा रहा है वहां का पोस्टल पिन कोड इस बिल में डालना होगा। बिल के दूसरे चरण को लचीला रखा गया है। यहां पर माल लेकर जाने वाली गाड़ी का नंबर, ट्रांसपोर्टर का नाम भरा जाएगा। रेहड़ी आदि पर ले जाया गया माल मान्य नहीं होगा। 

दूरी के हिसाब से तय होगी बिल की अवधि
खास बात ये है कि जिस दिन सामान की रवानगी होगी यह बिल उस दिन से मान्य होगा। यदि गाड़ी किसी कारणवश खराब हो जाए या फिर कोई और दिक्कत हो जाए तो इसे अपडेट करने का प्रावधान भी ई- वे बिल में रखा गया है। जो बिल को जैनरेट करेगा वही बिल को अपडेट कर सकेगा कोई अन्य व्यक्ति ऐसा नहीं कर पाएगा। ई- वे बिल के अधीन 24 घंटों  में 100 किलोमीटर तक माल ढुलाई की जा सकती है। यदि रास्ता 200 किलोमीटर है तो बिल की अवधी दो दिनों के लिए मान्य होगी।

ऐसे ही हर बढ़ते सैंकड़ा किलोमीटर के साथ दिनों की अवधी भी बढ़ती चली जाएगी। 100 किलोमीटर से कम के गंतव्य में माल एक दिन में पहुंचाना अनिवार्य होगा। कारोबारियों की मदद के लिए विभाग ने वैबसाइट और हैलपलाइन का भी इंतजाम किया हुआ है। 50 हजार रुपयों से अधिक के बिल के कारोबार के लिए ई-वे बिल 1 फरवरी से अनिवार्य होने जा रहा है।

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बजरंगदास गर्ग ने जतावा बिल का विरोध
भले ही सरकार यह बिल भ्रष्टाचार पर लगाम लाने के लिए ला रही हो लेकिन यह ई बिल व्यवस्था व्यापारियों के लिए सर दर्द की तरह नजर आ रही है। हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने ई बिल को लेकर कहा कि इस सरकार ने टैक्स लगाने व व्यापारियों को तंग करने की बजाए कुछ नहीं किया। फरवरी से ई बिलिंग शुरू की जा रही है। जब नेट व्यवस्था ही नहीं है तो ई बिलिंग कैसे होगी। कई गांव तो ऐसे हैं जहां बैंक ही नहीं है तो यह यह कैसे कामयाब होगा। उन्होंने कहा कि यह ई बिलिंग भी भ्रष्टाचार का अड्डा होगा।

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