सरकार और जाटों में बनी सहमति, हरियाणा भवन में हो सकता है अंतिम फैसला

Edited By Updated: 17 Mar, 2017 01:13 PM

government and jats agreed

जाटों और सरकार द्वारा गठित नई कमेटी के बीच पानीपत रिफाइनरी के रेस्ट हाऊस में लंबी बातचीत के बाद आज अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक हरियाणा के भवन में 2 बजे बैठक करेंगे।

दिल्ली:जाटों और सरकार द्वारा गठित नई कमेटी के बीच पानीपत रिफाइनरी के रेस्ट हाऊस में लंबी बातचीत के बाद आज अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक हरियाणा के भवन में 2 बजे बैठक करेंगे। आपको बता दें, यशपाल ने बताया कि कल दिल्ली के हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री और मंत्रियों की दोपहर दो बजे प्रेस कांफ्रेंस होगी। इस प्रेस कांफ्रेंस पर ही जाटों की अगली रणनीति निर्भर करेगी। हालांकि यशपाल मलिक ने इस बैठक को सौहार्दपूर्ण और सुंतुष्टिजनक बताया। मलिक ने कहा कि अगर कल यानि शुक्रवार को सरकार प्रेस कांफ्रेंस में सकारात्मक घोषणा करती है तो उनका आंदोलन खत्म भी हो सकता है। 20 मार्च के दिल्ली कूच पर बोलते हुए मलिक ने कहा कि जाट दिल्ली कूच करेंगे या नहीं यह कल की प्रेस कांफ्रेंस के बाद ही साफ हो पाएगा।

दिल्ली जाम होती तो बढ़ती दिक्कत
जाट समाज की ओर से 20 मार्च को दिल्ली कूच की तैयारी जोर शोर से की जा रही थी, जिस पर आज दोपहर को फैसला लिया जाएगा। केंद्र व हरियाणा सरकार इस बात से डरी हुई है कि यदि दिल्ली जाम हो गई तो दिक्कत, यदि दिल्ली में आने वाले ट्रैक्टर-ट्रालियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया गया तो दिक्कत। इस प्रकार की स्थिति पैदा होने से भारी नुकसान होने की रिपोर्टें आने से बीच का समझौता करने में ही भलाई समझी गई है। सरकार के पास गोपनीय रिपोर्ट जा रही थी हर धरने पर भारी संख्या में दिल्ली जाने वाले ट्रैक्टरों का रजिस्टे्रशन हो रहा है। यदि इतनी संख्या में ट्रैक्टर दिल्ली में चले जाते तो कुछ भी हो सकता था। सरकार ने जाट समाज की किन मांगों को माना है व समाज उन पर राजी होता है या नहीं यह शुक्रवार की प्रैस वार्ता से ही पता चल पाएगा लेकिन जिस प्रकार के ब्यान शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा व यशपाल मलिक ने वीरवार को पानीपत में दिए है उससे लगा है कि दोनों ओर से समझौता हो चुका है। 

इन मांगों पर हुई चर्चा 
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मांगें जिनमें हिंदू, मुस्लिम, सिख व विश्रोई जाटों को केंद्र में ओ.बी.सी. श्रेणी में आरक्षण देने, हरियाणा सरकार की ओर से 6 जातियों को दिए आरक्षण को हाईकोर्ट में उचित पैरवी कर बहाल करवाकर संसद के इसी सत्र में संविधान की नौवीं सूची में डलवाए जाने, जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस लेने, जेलों में बंद युवाओं को तुरंत रिहा करने, आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को स्थायी नौकरी देने, आंदोलन में घायलों व अपंग हुए लोगों को मुआवजा और स्थायी सरकारी नौकरी देने, आंदोलन के दौरान जातिय द्वेष फैलाने वाले सांसद राजकुमार सैनी की संसद की कमेटी से जांच करवाकर उसकी सदस्यता रद्द करने व सांसद सैनी व उनके साथियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने, आंदोलन के द्वेष फैलाने वाले दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली की जांच करवा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना शामिल है। इनमें से जिन मांगों में कानूनी अड़चन है उन्हें पूरा करने में समय लग सकता है। वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु का आवास जलाने जैसे मामले सी.बी.आई.कोर्ट में चल रहे है जिन्हें एकदम वापस नहीं किया जा सकता फिर भी सरकार इस पर क्या स्टैंड लेती है यह आज की प्रैस वार्ता से पता चल जाएगा। 
 

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