Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Mar, 2018 09:25 AM
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने गांव गढ़ मिरकपुर के सरपंच हरिप्रकाश की हत्या के मामले में सुनवाई के बाद चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों पर दो-दो लाख रुपये जुर्माना भी किया गया है....
सोनीपत(पवन राठी): अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने गांव गढ़ मिरकपुर के सरपंच हरिप्रकाश की हत्या के मामले में सुनवाई के बाद चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों पर दो-दो लाख रुपये जुर्माना भी किया गया है। जुर्माना न देने पर एक-एक साल अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी। मामले में तीन आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया।
गौरतलब है कि सोनीपत के गांव गढ़ मिरकपुर के सरपंच हरिप्रकाश की 24 मई, 2015 की रात को गांव के बाहर गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में उनकी पत्नी सरोज के बयान पर 25 मई, 2015 को गांव के विकास, उसके भाई मंजीत उर्फ प्रधान, ब्रह्मप्रकाश, पवन व उनकी मां निर्मला तथा गांव के ही चांद व रामप्रकाश के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था।
सरोज ने बताया था कि वह अपने पति के साथ कार में सवार होकर कुंडली की तरफ से गांव जा रही थी। इसी बीच गांव के ही विकास ने फोन कर सरपंच से मिलने की बात कही थी। जब वह गांव के अड्डे पर पहुंचे तो हमलावरों ने बहाने से हरिप्रकाश को कार से बाहर बुलाकर सडक़ किनारे ले जाकर उन पर गोलियां बरसा दी। हमलावरों ने हरिप्रकाश के सीने में तीन व माथे पर एक गोली मारकर उन्हें मौत के घाट दिया था।
आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने उसके पति की हत्या चुनावी रंजिश में की है। विकास उसके पति को पहले भी चुनाव नहीं लडऩे को लेकर धमकी दे चुका था। वर्ष 2015 में गांव में सरपंच की सीट महिला के लिए आरक्षित होने के बाद विकास का भाई मंजीत अपनी मां को सरपंच का चुनाव लड़वाना चाहता था। इसी को लेकर हरिप्रकाश को रास्ते से हटाने का दिनेश, विकास, चांद व रामप्रकाश को दोषी करार दिया है।
मामले में सबूतों के अभाव में मंजीत, पवन व निर्मला को बरी कर दिया गया। चारों दोषियों को हत्या के मामले में उम्रकैद व दो-दो लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। मामले में विकास, चांद व रामप्रकाश को अवैध हथियार के मामले में भी दोषी करार देते हुए एक-एक साल कैद व 5-5 हजार रुपये जुर्माना किया है।