Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Aug, 2017 02:48 PM
भले ही प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी से भ्रष्टाचार पर नकेल कस गई हो।
फरीदाबाद : भले ही प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी से भ्रष्टाचार पर नकेल कस गई हो। लेकिन इस ट्रांसफर से कई स्कूलों से टीचर गायब हो गए हैं, जिससे क्लासें खाली हो गई है। हालत ये है कि हिन्दी सब्जेक्ट के टीचर स्टूडेंट्स को फिजिक्स की थ्योरी और न्यूमेरिकल समझा रहे हैं। ऐसे कई स्कूल भी हैं, जहां 8 शिक्षकों का ट्रांसफर हो गया। लेकिन बदले में पहुंचे एक या दो शिक्षक। ऑनलाइन के चक्कर डीईओ मनोज कौशिक भी पल्ला झाड़ रही है। उनका कहना है कि जल्द ही प्रमोशन कर मास्टर को लेक्चरार बनाया जाएगा। उन्हें रूल के मुतािबक गांव में भेजा जाएगा। दरअसल, शिक्षकों के ट्रांसफर में पारदर्शिता लाने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले साल ऑनलाइन ट्रांसफ र पॉलिसी बनाई थी। पॉलिसी के अंतर्गत जिले को 7 जोन में बांटा गया था। जिसके तहत दूसरी बार 3 अगस्त को ऑनलाइन ट्रांसफर हुए। लेकिन अधिकांश शिक्षकों ने गांव में सरकारी स्कूल को छोड़ शहर के स्कूल को ज्यादा वेटेज देते हुए वहां ट्रांसफर करा लिया। हालांकि ट्रांसफ र पूरी तरह पारदर्शी रहा।
लेकिन, इससे जिले के कई स्कूलों से टीचर गायब हो गए। पन्हैड़ा खुर्द के सीनियर सैकेंडरी स्कूल में ट्रांसफ र के कारण फि जिक्स, मैथ और इंग्लिश के शिक्षक चले गए। जबकि स्कूल में साइंस सब्जेक्ट के 20 से ज्यादा छात्र.छात्राएं है। क्लास को एडजेस्ट करने के लिए कभी हिन्दी सब्जेक्ट के लेक्चरर तो कभी पीटीआई को पढ़ाने के लिए भेजा जा रहा है। शिक्षकों के ट्रांसफ र होने के कारण छात्रों को अपना भविष्य अधर में लटकता दिखाई देने लगा है। ऐसा ही हाल इंग्लिश लेक्चरार के जाने के कारण हो रहा है। काम चलाऊ क्लासें चलाई जा रही है।