शिक्षा की गुणवत्ता हो विश्वविद्यालयों का प्रथम लक्ष्य: राज्यपाल सोलंकी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Dec, 2017 10:36 PM

first goal of universities is to be quality of education  governor solanki

हरियाणा के राज्यपाल व राज्य के विश्वविद्यालय के कुलाधिपति  प्रो0 कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा है कि शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना विश्वविद्यालयों का प्रथम लक्ष्य होना चाहिए, इसमें धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को...

चण्डीगढ़ (धरणी): हरियाणा के राज्यपाल व राज्य के विश्वविद्यालय के कुलाधिपति  प्रो0 कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा है कि शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना विश्वविद्यालयों का प्रथम लक्ष्य होना चाहिए, इसमें धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को अपना विजन तैयार कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आने वाले सालों में वे क्या करेंगे? राज्यपाल प्रो0 कप्तान सिंह सोलंकी आज हरियाणा राजभवन में उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विश्वविद्यालयों व तकनीकी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुल सचिवों एवं वरिष्ठï अधिकारियों की बुलाई गई एक समन्वयक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में यह निर्णय किया गया कि हरियाणा के सब राज्य विश्वविद्यालयों की आय और व्यय पर व्यावहारिक रूप से विचार के लिए एक समिति बनाई जाए।

राज्यपाल ने कहा कि मानव-निर्माण का व्यवसाय सर्वोत्तम व्यवसाय है। यह कार्य अनमोल है, लेकिन शिक्षक को भी जीवन चलाने के लिए पर्याप्त वेतन मिलना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में पांच लाख 11 हजार युवा उच्चतर शिक्षा पा रहे हैं। ये युवा राज्य की बहुत बड़ी सम्पदा हैं। लेकिन ये सच्ची सम्पदा तभी बन पाएंगे, जब इन्हें सही दिशा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि युवाओं में राष्ट्रीयता, जिम्मेदारी, अनुशासन और कर्म करने की भावना भरकर उन्हें राष्ट्र की सच्ची सम्पदा बनाया जा सकता है। यह काम शिक्षण संस्थान ही कर सकते हैं। इसलिए विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।

सोलंकी ने कहा कि शिक्षक स्वयं से सवाल करें कि वे युवाओं की फौज को क्या दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या हम अपने युवाओं को केवल नौकरी के लिए पढ़ा रहे हैं? जबकि देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमें नौकरी पाने वाले नहीं नौकरी देने वाले युवा चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें हर युवा की क्षमता को पहचानना होगा जैसे ठाकुर रामकृष्ण परमहंस ने नरेन्द्र की क्षमता को पहचाना था और फिर उसे स्वामी विवेकानन्द बना दिया था।

इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने सम्बोधन में कहा उच्चतर शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थी चाहे वह तकनीकी शिक्षा हो या कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय की परम्परागत शिक्षा हो, वे विश्वविद्यालयों की बौद्घिक सम्पदा होते है। विश्वविद्यालयों को पिछले 5-10 वर्षों के अपने वर्तमान विद्यार्थियों व पूर्व छात्रों का एक डाटा बेस तैयार कर  संसाधन के रूप में इनका उपयोग अपने लिए, समाज व सरकार के लिए करना चाहिए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी दी कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में हरियाणा तालाब प्राधिकरण का गठन किया है। प्रदेश में 14,000 से अधिक तालाब हैं, जो ग्रामीण जीवन की रीढ़ होते थे, परंतु अब इनका पानी ठीक नहीं है और योजना के तहत ऐसे तालाबों के पानी का उपयोग सिंचाई व अन्य कार्यों के लिए हो, इसके लिए सर्वे किया जा रहा है और ऐसी विद्यार्थियों की सेवाएं इस कार्य के लिए ली जा सकती है। इसके अलावा, राज्य सरकार की योजनाओं के लिए भी इनसे अच्छी रिपोटिंग तैयार करवाई जा सकती है। मुख्यमंत्री ने सभी कुलपतियों से आह्वïान किया कि वे विश्वविद्यालयों में महानविभूतियों के नाम स्थापित पीठ पर शोध कार्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए अन्यथा ऐसी पीठ स्थापित करने का कोई औचित्य नहीं है।

बैठक में उच्चतर व तकनीकी शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव ज्योति अरोड़ा ने राज्य में उच्चतर व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति का प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि राज्य में हर युवा के लिए उच्चतर शिक्षा की पर्याप्त व्यवस्था है और महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों की संख्या कई गुणा बढ चुकी है। वर्ष 2006 में हरियाणा में  6 राज्य विश्वविद्यालय थे जो 2017 में बढकऱ 13 हो गए हैं। इसी प्रकार प्राइवेट 2006 में शून्य थे 2017 में 21 हो गए है। इसी प्रकार, सरकारी महाविद्यालयों की संख्या 69 से बढकर 133 हो गई है। उन्होंने बताया कि 2006 में उच्चतर शिक्षा में 2 लाख 34 हजार विद्यार्थी थे जिनकी संख्या अब 5 लाख 11 हजार हो गई है। इसी प्रकार 2006 में राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय दो थे, 2017 में चार हो गए है। स्व-वित्तपोषित इंजीनियरिंग कॉलेज 55 थे जो 113 हो गए है।

बैठक  में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपने-अपने विश्वविद्यालय की प्रगति और समस्याओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। राज्यपाल के सचिव डॉ0 अमित कुमार अग्रवाल ने बैठक में सबका स्वागत और धन्यवाद किया। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.रघुवेन्द्र राव ने विभिन्न विश्वविद्यालयों को सरकार की ओर से दिए जाने वाले बजट के बारे जानकारी दी। 

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