FRDI बिल के विरोध में फूंका वित्त मंत्री अरूण जेटली का पुतला

Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 Dec, 2017 04:49 PM

finance minister arun jaitley effigy flogged against frdi bill

सोशल एक्टिविस्ट एवं कांग्रेस सेवा दल के नारायणगढ़ से ब्लाक संगठक एडवोकेट सुखविन्दर नारा ने एफआरडीआई बिल के विरोध में केन्द्रीयवित्तमंत्री अरुण जेटली का पुतला फूंका। नारा ने बताया की फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन डिपोजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल को यूनियन...

चंडीगढ़(धरणी): सोशल एक्टिविस्ट एवं कांग्रेस सेवा दल के नारायणगढ़ से ब्लाक संगठक एडवोकेट सुखविन्दर नारा ने एफआरडीआई बिल के विरोध में केन्द्रीयवित्तमंत्री अरुण जेटली का पुतला फूंका। नारा ने बताया की फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन डिपोजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल को यूनियन कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद संसद की सयुंक्त समिति के पास भेजा गया है, इस बिल के बजट सत्र में पास होने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि, इस बिल के पास होने के बाद यह डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) एक्ट की जगह लेगा। इस कानून से बैंक में जमाकर्ताओं का पैसा वापस मिलने की गारंटी नहीं रहेगी, क्योंकि घाटे या दिवालिएपन की दशा में बैंक को बचाने में आम जमाकर्ता के पैसे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

सुखविंदर नारा ने बताया कि, यदि किसी खाताधारक ने फिक्स्ड डिपाजिट या अन्य खाते में बैंक में पैसा जमा किए है तो उसके पैसे को बैंक अपने नुकसान की भरपाई के लिए इस्तेमाल करेगा और जमाकर्ता अपनी जमा पूंजी का दावा भी नहीं कर सकेगा। इस प्रकार खाताधारक को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। एफआरडीआई बिल के प्रावधानों के अनुसार अगर बैंक दिवालिया हुआ तो उसे संकट से निकालने की जिम्मेदारी में सामान्य जमाकर्ता भी शामिल होंगे। क्यूंकि इस कानून में ‘बेल-इन’ प्रावधान  है जिसके वित्तीय कंपनी की दिवालिया होने की नौबत आई तो उसकी एसेट-लायबिलिटी किसी और को दी जा सकती है, दूसरी कंपनी में विलय हो सकता है या कंपनी खत्म भी की जा सकती है।

इस बिल में देनदारी की आंतरिक रिस्ट्रक्चरिंग प्रावधान के तहत, इसमें बैंक में जमाकर्ता को सीधे तौर पर नुकसान होगा, वहीं बड़े-बड़े उद्योगपति जो डिफाल्टर है उनको लाभ पहुंचेगा और अंतत: आम आदमी के साथ बहुत बड़ा धोखा होगा। नारा ने कहा कि, यह एक काला कानून है जिसको यदि पास किया गया तो वे असहयोग आन्दोलन चलाएंगे और लोगों की बैंकों में पैसा न जमा करने, कर न चुकाने, लेन-देन नकदी में करने व सरकार के निर्णयों का विरोध करने के लिए प्रेरित करेंगे।

वहीं रामेश्वर लम्बरदार ने कहा की भाजपा सरकार विजय माल्या जैसे बड़े पूंजीपति जिसने बैंकों को चूना लगाया है, उसको भारत वापिस लाने में और घाटे को पूरा करने में नाकाम रही है। अब इस घाटे को आम जन द्वारा खून पसीने से अर्जित कर बैंकों में जमा की गई पूंजी को हड़पकर पूरा करनी चाहती है। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व जिला पार्षद लाभ सिंह भुखड़ी, रामेश्वर नम्बरदार, अनिल हुस्सैनी, वेद, राजेंदर कश्यप, जगमोहन ठाकुर, जसबीर सिंह, मंदीप, राहुल कश्यप, गुरविंदर सिंह, गौरव बनौंदी, बिंदर भाटिया व अन्य लोग मौजूद रहे।

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