मौलिक मुख्याध्यापकों के 2374 पद खत्म, आंदोलन की तैयारी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 24 Jul, 2017 03:16 PM

elementary headmaster education department haryana

शिक्षा विभाग हरियाणा ने अहम फैसला लेते हुए प्रदेश में मौलिक स्कूल मुख्य अध्यापकों के 5610 पदों में से 2374 पद खत्म कर दिए हैं। अकेले भिवानी व दादरी जिलों से 258 पदों

कैथल(पराशर):शिक्षा विभाग हरियाणा ने अहम फैसला लेते हुए प्रदेश में मौलिक स्कूल मुख्य अध्यापकों के 5610 पदों में से 2374 पद खत्म कर दिए हैं। अकेले भिवानी व दादरी जिलों से 258 पदों को खत्म किया गया है। हालांकि इस बारे में आदेश जारी नहीं किए हैं, लेकिन विभाग के निदेशक की वैबसाइट पर मौलिक मुख्य अध्यापकों की जो रैशनलाइजेशन की अपडेट लिस्ट अपलोड की गई है। उसमें ई.एस.एच.एम. के पद खत्म करने के बारे में बताया है। इससे गुस्साए मौलिक मुख्याध्यापकों ने फैसले के खिलाफ प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू कर दिया है। हर विधानसभा क्षेत्र में विधायकों को ज्ञापन देना शुरू कर दिया गया है। इतना ही नहीं, इस मामले में अदालत की शरण लेने का भी निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही प्रदेशस्तरीय आंदोलन भी शुरू होगा। इस मसले को लेकर इस श्रेणी के मुख्याध्यापकों ने यहां बैठक कर रोष जताया। इस बारे में कैथल निवासी अमित गुप्ता ने बताया कि विभाग ने कर्ण सिंह बनाम हरियाणा सरकार के बीच चले इस मामले पर संज्ञान लेते हुए वर्ष 2012 में मौलिक स्कूल मुख्य अध्यापकों के पदों को सृजित किया था। पहली जून 2013 में इन पदों को भर भी लिया गया था और उन्हें डी.डी. पावर भी दे दी गई थी। 

ई.एच.एम. का आरोप है कि उनके साथ टी.जी.टी. जैसा व्यवहार किया जा रहा है। वर्ष 2012 में मौलिक मुख्य अध्यापकों के 5248 पद स्वीकृत हुए थे। जून 2013 से 2014 तक 4635 पद भरे गए। अध्यापक नेताओं के अनुसार अब 5610 पद होने चाहिए थे लेकिन सरकार ने अब प्रदेश में 2374 पद खत्म कर दिए गए हैं। इससे ई.एस.एच.एम. में काफी रोष पाया जा रहा है। इन मुख्याध्यापकों के अनुसार मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक की साइट पर 14 जुलाई को मौलिक मुख्य अध्यापकों की रैशनलाइजेशन के तहत जो लिस्ट अपडेट की गई है, उसमें यह दर्शाया गया है कि कहां कितने पद हैं और कितने पद खत्म किए हैं। भले ही इस मामले में आर्डर जारी नहीं किए गए हैं लेकिन यह साफ है कि पद खत्म किए गए हैं। इससे मौलिक मुख्य अध्यापकों में हड़कंप है। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन की जिला स्तरीय बैठक में मौलिक मुख्य अध्यापकों के पद खत्म करने के विरोध में नारेबाजी की। इस दौरान गुस्साए अध्यापकों ने चेताया कि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया तो इसके खिलाफ प्रदेश भर में आंदोलन तेज कर दिया जाएगा।  

हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन राज्य प्रधान रमेश मलिक ने कहा कि विभाग ने यह तुगलकी फरमान जारी कर ई.एस.एच.एम. के अधिकारों पर कु ठाराघात किया है। इन पदों को तुरंत प्रभाव से बहाल किया जाए। ऐसा जल्द नहीं हुआ तो प्रदेश भर में आंदोलन तेज कर दिया जाएगा। इसके लिए सरकार खुद जिम्मेदार होगी। राज्य महासचिव विकास शर्मा ने कहा कि इस निर्णय से कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई प्रभावित होगी। इसलिए विभाग इन पदों से छेड़छाड़ न करे और इनको बिना देरी किए बहाल कर दे। मौलिक शिक्षा पर कुठाराघात सहन नहीं किया जाएगा। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि विभाग के इस निर्णय से मौलिक शिक्षा ही नहीं सी. एंड वी., टी.जी.टी. और जे.बी.टी. के प्रमोशन भी प्रभावित होंगे। अध्यापक नेताओं ने कहा कि मौलिक मुख्य अध्यापकों के साथ अन्याय किसी भी हालत में नहीं किया जाना चाहिए। उनके पदों को समाप्त करना उनके अधिकारों का हनन है। 

अध्यापकों के प्रोमोशन भी होंगे प्रभावित
अध्यापक नेताओं का कहना है कि ई.एस.एच.एम. के पद खत्म करने से सी. एंड वी., टी.जी.टी. और जे.बी.टी. की पदोन्नति भी प्रभावित होगी। प्रदेश में ऐसे अध्यापकों की संख्या 63,945 है। इन अध्यापकों में प्रोमोशन को लेकर अभी से चिंता गहराने लगी है।
 

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