डिंगरहेड़ी कांड: आरोपियों को मिली अग्रिम जमानत, बाहर आने पर पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Mar, 2018 05:32 PM

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तावडू के डिंगरहेड़ी मामले में मेवात पुलिस द्वारा आरोपी बना कर सलाखों के पीछे भेजने वाले चारो आरोपियों को हाई कोर्ट ने 7 मार्च को सबूतों के अभाव में बेल दे दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सीबीआई को 42 दिन के अंदर जांच पूरी करने का आदेश दिया है।

तावडू(सतीश राघव): तावडू के डिंगरहेड़ी मामले में मेवात पुलिस द्वारा आरोपी बना कर सलाखों के पीछे भेजने वाले चारो आरोपियों को हाई कोर्ट ने 7 मार्च को सबूतों के अभाव में बेल दे दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सीबीआई को 42 दिन के अंदर जांच पूरी करने का आदेश दिया है। 

आरोपियों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
अदालत से जमानत पर बाहर आए चारों आरोपियों ने मीडिया के समक्ष अपना दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि मेवात पुलिस ने उन्हें इस मामले में शामिल होने की बात स्वीकार कराने के लिए थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। इसके बाद जब जांच सीबीआई को सौंप दी गई तो सीबीआई ने भी उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। जेल के अंदर भी उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता था। चारों आरोपियों ने मेवात पुुलिस केे खिलाफ कार्यवाही कराने की मांग की है।

परिवार में खुशी का माहौल
उच्च न्यायालय से 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत मिलने पर चारों आरोपी अपने लगभग 20 माह के पश्चात अपने घर पहुंच गए। परिजनों से मिलने के पश्चात परिवार वालों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जिनका कहना है कि हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है, बाकी हमारे बच्चों को पुलिस ने जबरन बली का बकरा बनाया है। 
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सीबीआई जांच न होती तो फांसी चढ़ जाते बेसकूर
आरोपियों की दादी एवं स्वतंत्रता सैनानी की विधवा 95 वर्षीय मुथरी, राजबाला सुमित्रा, सोमवती व दादी कृष्णा महेन्द्र राममेहर व सुबेदार विद्यानंद का कहना है, एसआईटी टीम ने मनगढंत कहानी बनाकर निर्दाेष युवकों को अवैध तौर पर फंसाया यदि मामले की सीबीआई जांच नहीं होती तो बेकसूर फांसी चढ़ गए होते। उन्होंने बताया कि जब डाग स्क्वाड टीम आई थी उक्त चारों आरोपी भी लोगों के हजूम में थे तभी पुलिस ने क्यों नहीं पकड़ा और सब से बड़ा आश्चर्य यह है कि पीड़िताओं के सम्मुख आरोपियों की कई बार परेड़ कराई जिन की कोई पहचान नहीं हो पाई इस के बावजूद एसआईटी ने इन्हीं को दोषी बना दिया। जब कि सीबीआई अभी तक इनके विरूद्ध कोई सबूत पेश नहीं कर पाई थी।             

यह था मामला 
24 अगस्त 2016 की रात्री में डिंगरहेड़ी केएमपी पुल के साथ जंगल में रह रहे परिवार पर रात्रि में हमलाकर दम्पति की हत्या कर दी व सामुहिक तौर पर दुष्कर्म किया। 4 दिनों के पश्चात 28 अगस्त को साथ लगती नंदू की ढ़ाणी के 4 युवक अमरजीत, कर्मजीत, संदीप व राहुल को आरोपी बना दिया गया। कुछ दिनों के पश्चात पटौदी के मंदपुरा में ऐसी घटना घटी जहां सितम्बर 2017 गुरूग्राम पुलिस के इन्सपेक्टर जसवंत सिंह ने पटौदी के मंदपुरा की घटना में एक्सल गैंग के 4 आरोपियों को पकड़ा जिन्होंने डिंगरहेड़ी कांड को भी कबूल किया।  वहीं सीबीआई इस मामले में 19 महीने बीत जाने के बाद भी कोई सबूत नही जुटा पाई जिसके बाद हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में मेवात पुलिस द्वारा बनाए गए आरोपियों को ज़मानत देते हुए सीबीआई को 42 दिन के अंदर जाच पूरी करने के आदेश दिए है।
 

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