Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 Feb, 2018 10:55 AM
दलित ईश्वर सिंह की आत्महत्या प्रकरण में अब राजनीतिक व सामाजिक घटनाक्रम बदलने वाला है। बीते साल ईश्वर सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोपों से दुखी होकर आत्महत्या कर ली थी। दलित संगठनों व नेताओं ने तब से अब तक जो संघर्ष किया, उसी .....
कैथल (ब्यूरो): दलित ईश्वर सिंह की आत्महत्या प्रकरण में अब राजनीतिक व सामाजिक घटनाक्रम बदलने वाला है। बीते साल ईश्वर सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोपों से दुखी होकर आत्महत्या कर ली थी। दलित संगठनों व नेताओं ने तब से अब तक जो संघर्ष किया, उसी का निष्कर्ष जींद में 18 मार्च की प्रस्तावित दलित महा रैली में निकलता नजर आ रहा है। जींद में बीते 15 दिन से लघु सचिवालय के बाहर दलित ईश्वर सिंह न्याय संघर्ष समिति आंदोलनरत है।
परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने व मुआवजा देने का वायदा अभी तक मनोहर सरकार पूरा नहीं कर पाई। परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार ने प्रतिनिधिमंडल को मांगें स्वीकार करने के लिए आश्वस्त किया था परंतु फिलहाल कोई प्रगति नहीं हुई है। वैसे जींद को राजनीति का अखाड़ा माना जाता रहा है। बीते 40 सालों से केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह का राजनीतिक किला भी जींद ही है। वहीं इसे इनैलो का गढ़ और हार्टलैंड भी कहा जाता है। गुजरात के निर्दलीय विधायक एवं बीते गुजरात चुनाव में अहम रोल अदा करने वाले दलित युवक जिग्नेश मेवानी प्रमुख रूप से प्रस्तावित दलित रैली में पहुंचेंगे।