Edited By Punjab Kesari, Updated: 24 Feb, 2018 10:30 PM
नारनौंद के सिंघवा गांव में पहली बार देशभर की मुर्राह नस्ल की भैसों की चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया। इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने वाली करोड़ों की भैंसों ने अपने जलवे बिखेरे। हर कोई उनके साथ सेल्फी लेने के लिए बेताब रहा। प्रतियोगिता में आई भैंसों...
नारनौंद(हरकेश जांगड़ा): नारनौंद के सिंघवा गांव में पहली बार देशभर की मुर्राह नस्ल की भैसों की चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया। इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने वाली करोड़ों की भैंसों ने अपने जलवे बिखेरे। हर कोई उनके साथ सेल्फी लेने के लिए बेताब रहा। प्रतियोगिता में आई भैंसों के नाम भी आपको गुदगुदा कर रख देंगे जैसे हेमामालिनी, मुन्नी, लख्खो आदि। इनके जलवे देखकर हर कोई उसका दिवाना हो रहा था। इन भैसों की कीमत लोग लाखों-करोड़ों रूपये में आंक रहे थे। लेकिन इनके मालिक इनको किसी भी कीमत पर देने को राजी नहीं हुए।
भैंसों के मालिकों को मानना है कि हरियाणा प्रदेश की कहावत है कि देशों में देश हरियाणा जहा दूध दही का खाणा इसी वजह से उनको भैस पालने का शौक हुआ। आज ये शौक उनके लिए आमदनी का साधन तो बना ही हुआ है साथ ही वो अपनी भैसों के माध्यम से पुरी दुनिया में अपना नाम कमा रहे हैं। प्रतियोगिता में मुख्य आकर्षक मुर्राह नस्ल के झोंटे रहे जिनमे युवराज, सरताज, भारत, विराट, हीरा, अर्जुन मुख्य थे, इन सभी की कीमत करोड़ो में है। युवराज 17 बार चैम्पियन रह चुका है और उसको दुनिया का बेस्ट ऐनिमल ऑफ शौ का पुरस्कार भी मिल चुका है।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद दुष्यत चौटाला ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि देशभर में पशुपालकों का मेला लगता है तो उसमें हिसार जिले का अहम स्थान होता है। मुर्राह नस्लों की भैसों को लेकर सिंघवा गांव पुरे देश में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का ये धन आज भी सोना है और सोना ही रहेगा वो इस धन से अपने परिवार का पालन पोषण तो करते ही है साथ ही पुरे देश में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है।
उन्होंने कहा बजट सत्र में मांग रखी जाएगी कि पशुपालकों को भी विशेष पैकेज के तहत इनको ऊंचा उठाने का काम करे। उन्होंने इस गांव के पशु अस्पताल के लिए एक अल्ट्रासाउंड मशीन देने की घोषणा की। ताकि पशुपालकों को उपचार के लिए दूर दराज ना जाना पड़े।