Edited By Updated: 21 Jan, 2017 05:11 PM
खनन विभाग की कार्यशैली संदेह के घेरे में आ गई है। पहले भी खनन विभाग के अधिकारियों पर ठेकेदारों द्वारा आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं।
कुरुक्षेत्र (विनोद):खनन विभाग की कार्यशैली संदेह के घेरे में आ गई है। पहले भी खनन विभाग के अधिकारियों पर ठेकेदारों द्वारा आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं। उद्योग विभाग कार्यालय में बने खनन विभाग कार्यालय में अक्सर एक व्यक्ति सरकारी कुर्सी पर बैठा काम करता दिखता है जोकि स्वयं को खनन विभाग का रिटायर्ड अधिकारी बताता है। उक्त अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों की अनुपस्थिति में कार्यालय में बैठकर सरकारी कामकाज देख रहा है। सलपानी निवासी एक व्यक्ति ने गत दिनों पूर्व डी.सी. कुरुक्षेत्र, मुख्यमंत्री हरियाणा, खनन विभाग मंत्री, खनन विभाग निदेशक व अन्य कई संबंधित अधिकारियों को लिखित शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि उक्त व्यक्ति निजी तौर पर कार्यालय में बैठकर सरकारी कामकाज करता है। जब भी कार्यालय में मिट्टी के परमिट के लिए कोई आता है तो यह व्यक्ति उस मिट्टी ठेकेदार से सैटिंग करके परमिट बनाता है।
यह भी आरोप है कि उक्त व्यक्ति को न तो विभाग ने तैनात किया है और न वह यहां कार्यरत है लेकिन फिर भी वह कार्यालय में बतौर सरकारी कर्मचारी बैठकर कार्य करता है। यह व्यक्ति मिट्टी ठेकेदारों को अपनी पहचान खनन अधिकारी के रूप में करवाता है और परमिट जारी करता है। शिकायतकत्र्ता ने डी.सी. कुरुक्षेत्र से मांग की कि उक्त व्यक्ति बारे जानकारी प्राप्त करके उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मिट्टी का परमिट देने के नाम पर खनन विभाग में चल रहे रिश्वतखोरी के धंधे पर लगाम कसे। जब जिला खनन अधिकारी भूपिंद्र सिंह से इस संबंध में जानकारी लेनी चाही तो वह कार्यालय में मौजूद नहीं मिले। पूछने पर पता चला कि उनके पास 2 जिलों का चार्ज है जोकि कुरुक्षेत्र में केवल 2 दिन ड्यूटी देने आते हैं।
प्राइवेट व्यक्ति का कथन
कार्यालय का निरीक्षण किया तो उक्त व्यक्ति कार्यालय में सरकारी कुर्सी पर बैठा मिला जोकि सरकारी कागजात का कार्य कर रहा था। पूछने पर उक्त व्यक्ति ने अपनी पहचान रामकुमार के रूप में बताई जोकि खनन विभाग में इंस्पैक्टर के पद पर कार्यरत था और अब रिटायर्ड है। रामकुमार ने स्वीकार किया कि वह यहां तैनात नहीं है लेकिन जब अधिकारी बुलाते हैं तो वह आकर कार्य करता है। रामकुमार के अनुसार वह अधिकारियों की अनुपस्थिति में कार्यालय में बैठता है और जो कार्य वह उन्हें सौंपते हैं, वह बिना तनख्वाह व बिना लालच के करता है।