Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Feb, 2018 06:48 PM
कुश्ती और कबड्डी के बीच बहादुरगढ़ का पावर लिफ्टर अरुण देश और विदेश की पहचान बन चुका है। अरुण कुमार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 29 मेडल हासिल कर चुका है। साल 2014 में पावर लिफ्टिंग के सबसे बड़े इवेंट सुब्रतो क्लासिक वर्ल्ड...
रोहतक(प्रवीण धनखड़): कुश्ती और कबड्डी के बीच बहादुरगढ़ का पावर लिफ्टर अरुण देश और विदेश की पहचान बन चुका है। अरुण कुमार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 29 मेडल हासिल कर चुका है। साल 2014 में पावर लिफ्टिंग के सबसे बड़े इवेंट सुब्रतो क्लासिक वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था।
इस साल अरुण कुमार ने पावर लिफ्टिंग की जगह स्ट्रेंथ लिफ्टिंग में डेब्यू किया और पहले ही प्रयास में नेशनल के दो सिल्वर पदक भी हासिल कर लिए। इस बार अरुण का चयन इंडोनेशिया में होने वाली वर्ल्ड स्ट्रेंथ लिफ्टिंग प्रतियोगिता के लिए हुअा है, लेकिन इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अरुण के पास पैसे नही हैं।
जानकारी के अनुसार अरुण कुमार तीन बहनों में सबसे बड़ा भाई है। उसने पढ़ाई के साथ-साथ पावरलिफ्टिंग में अपनी प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन किया। अरूण के पिता सीआरपीएफ में सिपाही हैं। अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए साल 2014 में अरुण ने ब्याज पर पैसे उठाए थे। घर और खेल का खर्च उठाने के लिए वे जिम में बतौर ट्रेनर काम भी करता है।
अरुण के परिजनों का कहना है कि बेटे की उपलब्धि पर सबको गर्व है। उन्होंने सरकार से 84 हजार रुपए अार्थिक मदद की मांग की है ताकि बेटा भारत के लिए इंडोनेशिया में खेल सके और देश का नाम रोशन करे।