Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Jun, 2017 10:24 AM
प्रदेश की मनोहर सरकार ने नंदीशाला के रखरखाव के लिए अपने कर्मचारियों और अधिकारियों से वेतन में से दान करने की अपील की है।
चंडीगढ़ (धरणी):प्रदेश की मनोहर सरकार ने नंदीशाला के रखरखाव के लिए अपने कर्मचारियों और अधिकारियों से वेतन में से दान करने की अपील की है। वहीं सभी विभागों को एक पत्र लिखकर निर्देश दिए गए हैं कि वे दान न करने वाले कर्मचारियों की एक सूची भी बनाएं। विपक्ष ने सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। सरकार के इस फैसले ने सूबे में नए विवाद को जन्म दे दिया है। हिसार में स्थानीय प्रशासन ने एक पत्र जारी कर सभी विभागाध्यक्षों से कहा है कि जिले को बेसहारा पशु मुक्त बनाने के लिए सभी कर्मचारी नंदीशाला के लिए आर्थिक सहयोग दें।
हालांकि ये अनिवार्य नहीं है सिर्फ अपील है। लेकिन इसके साथ ही ये भी कहा गया है कि सहयोग करने वालो के साथ साथ दान न देने वालों की सूची भी तैयार कर विभाग को भेजी जाए।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा है कि नंदीशाला का रखरखाव सरकार की जिम्मेदारी है न कि कर्मचारियों की। स्वेच्छा से दान देना ठीक है लेकिन सरकार ऐसी अपील नही कर सकती है।
इनेलो ने इस पर कड़ी आपत्ती जताते हुए कहा है कि लगता है कि सरकार का दिवाला निकल गया है। इसीलिए दान देने की अपील के साथ-साथ दान न देने वालों की सूची बनाने के लिए कहा जा रहा है। नंदिशालाओं के नाम पर सरकार खुद खर्च करने के बजाय कर्मचारियों की जेब ढीली करवाने पर तुली है। जानकार की माने तो हिसार के साथ-साथ प्रदेश के तमाम जिलों में इस प्रकार के पत्र कर्मचारियों के लिए जारी किए गए हैं। सरकार के इस कदम से विपक्ष के साथ-साथ कर्मचारी भी खुश नहीं हैं।