धूमधाम से होली मनाने के अरमान, भारी पड़ेगा अफसरों का फरमान!

Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Feb, 2018 03:23 PM

ambala holi salary

प्रदेशभर के अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी जब फरवरी माह का वेतन लेकर धूमधाम से होली के रंगों में सरोबार होंगे तो प्रदेश के जनसंपर्क एवं जिला सूचना अधिकारी कार्यालयों के कर्मचारी अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के ‘फरमान’ को कोस रहे होंगे। विभाग के...

अंबाला (नरेन्द्र वत्स): प्रदेशभर के अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी जब फरवरी माह का वेतन लेकर धूमधाम से होली के रंगों में सरोबार होंगे तो प्रदेश के जनसंपर्क एवं जिला सूचना अधिकारी कार्यालयों के कर्मचारी अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के ‘फरमान’ को कोस रहे होंगे। विभाग के आला अधिकारियों का जिला स्तर के अधिकारियों को 28 फरवरी को पंचकूला में बैठक में बुलाना सैंकड़ों कर्मचारियों को होली पर वेतन नहीं मिलने का कारण बन जाएगा। हालांकि यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी हो सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

विभागों के मुखियाओं को जिला स्तर के अधिकारियों की मीटिंग लेने के कारण प्रदेश सरकार की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई हुई है। इस सुविधा पर सरकार ने करोड़ों रुपए की राशि खर्च की हुई है। अधिकांश विभाग प्रमुख जिला स्तर पर अधिकारियों की बैठक लेने के लिए वी.सी. का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कुछ विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को चंडीगढ़ या पंचकूला बुलाते हैं। इससे न सिर्फ अधिकारियों के समय की बर्बादी होती है बल्कि गाड़ियों के फ्यूल पर भारी-भरकम खर्च हो जाता है। साथ ही मीटिंग में आने वाले जिला स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों के रहने और खाने की व्यवस्था पर मोटा पैसा खर्च होता है। जो काम वी.सी. के जरिए आसानी से हो सकता है, उसे फिजीकल प्रैजैंट से अंजाम दिया जाता है। 

जनसंपर्क एवं सूचना विभाग के आला अधिकारियों ने विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों की बैठक 27 फरवरी को पंचकूला बुलाई थी। इस बैठक की तिथि बदलकर अब 28 फरवरी कर दी गई है। बैठक में वेतन जारी करने वाले डी.डी.ओ. भी शामिल होने हैं। दूर-दराज के जिलों से जो डी.डी.ओ. पंचकूला बैठक में भाग लेने जाएंगे वे अगले दिन भी कार्यालय नहीं पहुंच पाएंगे। चूंकि 28 फरवरी वेतन जारी करने का दिन है। इसलिए इस दिन कर्मचारियों के वेतन बिलों पर साइन ही नहीं हो पाएंगे। ट्रैजरी ओर ई.पी.एफ. बिलों पर साइन हुए बिना कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल सकता। ऐसे में कर्मचारियों के लिए बिना वेतन के यह होली फीकी ही साबित हो सकती है। कई कर्मचारी अभी से बात को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें होली पर्व पर वेतन मिल पाएगा या नहीं। 

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए ज्यादा मुश्किल
आम कर्मचारियों को अगर समय पर वेतन नहीं मिले तो ज्यादा वेतन होने के कारण उन्हें कोई खास फर्क नहीं पड़ता। कम वेतन होने के कारण चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए पूरा महीना निकालना मुश्किल बना रहता है। खासकर त्यौहार के समय ऐसे कर्मचारियों को वेतन की सख्त जरूरत होती है। इस बार दूर-दराज वाले जिलों में कई ऐसे कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलने की संभावनाओं पर एक अधिकारी के निर्णय ने पानी फेरने का काम कर दिया है।

होली के बाद भी करना होगा इंतजार 
28 फरवरी को पंचकूला मीटिंग में जाने वाले डी.डी.ओज के लिए 1 मार्च को कार्यालय में पहुंचना आसान नहीं होगा। 2 मार्च को होली का अवकाश रहेगा। 3 मार्च को शनिवार होने के कारण सरकारी अवकाश रहेगा। 4 मार्च को रविवार होगा। 5 मार्च को जब डी.डी.ओज अपने कार्यालयों में पहुंचेंगे तो सैलरी सिस्टम डोंगल के माध्यम से हुआ मिलेगा। 2 दिन कर्मचारियों को डोंगल की व्यवस्था जानने में लग जाएंगे। ऐसे में कर्मचारियों को कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है।  

वहीं, मंत्री कविता जैन ने कहा कि मीटिंग कोई सारा दिन नहीं चलती। मीटिंग का और सैलरी को कोई संबंध नहीं है। मीटिंग के बाद अधिकारी वापस जाकर साइन कर देंगे।
 

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