32वां सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला, यू.पी. पर भारी पड़ रहा हरियाणा

Edited By Punjab Kesari, Updated: 04 Feb, 2018 01:14 PM

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32वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में बेशक थीम इस्टेट यू.पी. है, परंतु हरियाणा यू.पी. पर भारी पड़ रहा है। मेले में हरियाणा के ‘अपना घर’ में जहां दर्शकों का हुजूम उमड़ रहा है, वहीं यू.पी. का ‘अपना घर’ सूना-सूना दिखाई पड़ रहा है। यू.पी. के...

फरीदाबाद(अनिल राठी): 32वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में बेशक थीम इस्टेट यू.पी. है, परंतु हरियाणा यू.पी. पर भारी पड़ रहा है। मेले में हरियाणा के ‘अपना घर’ में जहां दर्शकों का हुजूम उमड़ रहा है, वहीं यू.पी. का ‘अपना घर’ सूना-सूना दिखाई पड़ रहा है। यू.पी. के अपना घर के नाम पर मात्र बनारसी सिल्क ही लोगों को दिखाया जा रहा है। ऐसे में जो लोग यू.पी. की संस्कृति अपना घर में देखने की इच्छा से आ रहे हैं, उन्हें मायूसी हाथ लग रही है।

अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में हर बार थीम इस्टेट व हरियाणा का अपना घर बनाया जाता है। थीम इस्टेट के अपना घर में उस राज्य का एक परिवार मेले की शुरूआत से लेकर समापन तक रहता है और उस राज्य के रहन-सहन, खान-पान, वेशभूषा व कलाकृतियों को प्रदर्शित करता है। इस बार उत्तर प्रदेश यानि यू.पी. थीम स्टेट है और यू.पी. के अपना घर में भी एक परिवार को रहना था परंतु जिस परिवार को रहना था, वह  स्वास्थ्य बिगड़ जाने के कारण मेले में नहीं आ सका। हालांकि इसके लिए एक माह पूर्व ही मेला प्रबंधन को अवगत करवा दिया गया था, परंतु मेला प्रबंधन ने इसे नजरअंदाज कर दिया। 
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मेले में यू.पी. के अपना घर के नाम पर सिर्फ 2 बुनकर वसीउल हसन व हसीन अहमद ही हैं जोकि बुनकर हैं और बनारस से आए हैं। वसीउल हसन का कहना है कि उन्होंने मेला प्रबंधन को अवगत करवा दिया था कि उनकी पत्नी के बीमार होने के कारण वे मेले में परिवार सहित नहीं आ सकते। संस्कृति के नाम पर वहां वसीउल हसन कुछ बनारसी साड़ी लेकर आए हैं। वह बनारसी सिल्क को चरखे से बनाने की प्रक्रिया अपना घर के बाहर दर्शा रहे हैं। उसी के नजदीक मात्र टूटा हैंडपम्प और कुआं यू.पी. की संस्कृति के रूप में दर्शाया जा रहा है।
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सेल्फी प्वाइंट बना हरियाणा का अपना घर
हरियाणा के अपना घर की विशेष बात यह भी है कि यह सेल्फी प्वाइंट बना हुआ है। सैल्फी के लिए ताऊ, विशाल खाट व विशाल हुक्का आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वहीं, हरियाणा की पारम्परिक पगड़ी भी बंधवाने के लिए लोग उत्साहित नजर आते हैं। पगड़ी बंधवाने के लिए जहां 100 रुपए शुल्क वसूला जा रहा है, वहीं घर ले जाने पर मेला प्रेमियों को 300 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं।

हरियाणा के अपना घर को लेकर उत्साह
हरियाणा का अपना घर 150 साल पुराने कृषि यंत्र सहित ग्राम देवता के रूप में स्थापित दादा खेड़ा, हुक्का, चारपाई, बटेहु ग्लास जिसमें दामाद को दूध पिलाया जाता है, लोटुआ, टोकन, बंटा, हल, टांगड़ी, ऊंट का ताला, छाछ के लिए मदानी, ईंडी, चक्की, 40 किलो का अनाज माप, बढ़ई, जुलाहा हरियाणा की संस्कृति को संजोए हुए हैं। हरियाणा का अपना घर कुरुक्षेत्र धरोहर हैरिटेज द्वारा संचालित है जिसका नेतृत्व डा. महा सिंह कर रहे हैं।

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