चाणक्य नीति: न्यायाधीश न्याय के समय रखे इस बात का ध्यान, बन सकता है निंदा का पात्र
Edited By Updated: 18 Dec, 2016 04:34 PM
चाणक्य महान विद्वानों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखते हैं। उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना करके अखण्ड भारत का निर्माण किया था। आचार्य चाणक्य एक बड़े दूरदर्शी
चाणक्य महान विद्वानों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखते हैं। उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना करके अखण्ड भारत का निर्माण किया था। आचार्य चाणक्य एक बड़े दूरदर्शी विद्वान थे। चाणक्य की नीतियों में उत्तम जीवन का निर्वाह करने के बहुत से रहस्य समाहित हैं, जो आज भी उतने ही कारगर सिद्ध होते हैं। जितने कल थे। इन नीतियों को अपने जीवन में अपनाने से बहुत सारी समस्याओं से बचा जा सकता है और साथ ही, उज्जवल भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। चाणक्य के अनुसार न्यायधीश को निष्पक्ष होकर न्याय करना चाहिए।
दण्डपारुष्यात् सर्वजनद्वेष्यो भवति।
भावार्थ: किसी न्यायाधीश को न्याय करते समय किसी पूर्वाग्रह अथवा शत्रुता के वशीभूत होकर अपराधी को दंड नहीं देना चाहिए अन्यथा जनता उसकी निंदा करने से नहीं चूकती।