Edited By Punjab Kesari, Updated: 21 Oct, 2017 02:46 PM
हरियाणा के कालेजों में अलग-अलग विषयों में कार्यरत एक्सटैंशन लैक्चरर्स/असिस्टैंट प्रोफैसर को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के एक लैटर के संबंध में राहत दी है। 20 जुलाई को सरकार ने आदेश दिए थे कि अपात्रों को सेवामुक्त कर दिया जाए। इसके खिलाफ पोस्ट ग्रैजुएट...
चंडीगढ़(बृजेन्द्र): हरियाणा के कालेजों में अलग-अलग विषयों में कार्यरत एक्सटैंशन लैक्चरर्स/असिस्टैंट प्रोफैसर को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के एक लैटर के संबंध में राहत दी है। 20 जुलाई को सरकार ने आदेश दिए थे कि अपात्रों को सेवामुक्त कर दिया जाए। इसके खिलाफ पोस्ट ग्रैजुएट कालेज, जींद में एक्सटैंशन लैक्चरर (इंगलिश)/असिस्टैंट प्रोफैसर संतोष समेत कई कालेजों के 12 याचियों ने याचिका दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस देते हुए अगली सुनवाई 14 दिसम्बर तय की है। सरकार को आदेश दिए हैं कि नियमित भर्ती होने तक याचियों को सेवा से न निकाला जाए। केस में हरियाणा सरकार, डी.जी. हायर एजुकेशन, यू.जी.सी. समेत प्रिसिपल गवर्नमैंट कालेज जींद, नरवाना और भिवानी को पार्टी बनाया है।
याची पक्ष की तरफ से एडवोकेट मजलीश खान ने मांग रखी कि इस पत्र को रद्द किया जाए। जबकि इसको नजरअंदाज किया गया कि याची कई वर्षों से हायर एजुकेशन डिपार्टमैंट में सेवाएं दे रहे हैं। इस दौरान उनका कार्य व आचरण संतोषजनक रहा है। उनकी नियुक्ति चयन कमेटी के जरिये उचित भर्ती प्रक्रिया के तहत हुई। मांग की गई है कि याचियों को तब तक सेवा में रहने दिया जाए जब तक नियमित भर्ती नहीं होती। इसके अलावा उन्हें उचित समय प्रदान किया जाए, जिससे कि वह नैट या पी.एच.डी. के लिए योग्यता प्राप्त कर लें।