Edited By Punjab Kesari, Updated: 20 Dec, 2017 02:25 PM
हरियाणा में जाटों द्वारा इसी वर्ष आरक्षण को लेकर किए गए आंदोलन को लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने व हाईवेज जाम न हों, इसे सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका को गुरमीत राम रहीम प्रकरण में दायर जनहित याचिका के साथ संयुक्त रूप से...
चंडीगढ़(ब्यूरो):हरियाणा में जाटों द्वारा इसी वर्ष आरक्षण को लेकर किए गए आंदोलन को लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने व हाईवेज जाम न हों, इसे सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका को गुरमीत राम रहीम प्रकरण में दायर जनहित याचिका के साथ संयुक्त रूप से सुनवाई किए जाने की मांग की गई है। फरवरी, 2017 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अरविंद सेठ ने दोनों याचिकाओं को संयुक्त रूप से सुने जाने के लिए अर्जी दायर की है। इस अर्जी पर हाईकोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष के रूप में सरकार व अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया है। अरविंद सेठ की मुख्य याचिका के साथ इस अर्जी पर 21 दिसम्बर को सुनवाई होगी।
अरविंद सेठ ने अपनी मुख्य याचिका में मांग की थी कि हरियाणा में आने वाले स्टेट और नैशनल हाईवेज आंदोलनकारियों द्वारा बलॉक न किए जाएं। ऐसे आंदोलनकारियों पर नैशनल हाईवे एक्ट के तहत कार्रवाई हो। इसके अलावा सड़कें आदि जाम न हों व सरकारी एवं अन्य सम्पत्तियोंं को नुक्सान न हो। दायर अर्जी में कहा गया है कि गुरमीत राम रहीम प्रकरण में दायर याचिका में कुछ प्रश्न हाईकोर्ट ने उठाए थे जिसमें पुलिस फोर्स व रबर बुलेट्स के इस्तेमाल, ऐसी घटनाओं में होने वाले नुक्सान का मुआवजा वसलूने आदि के सम्बंध में प्रश्न खड़े किए थे। उन प्रश्नों के सम्बंध में अरविंद सेठ ने अपनी याचिका को लेकर समान मुद्दे होने की दलील देते हुए दोनों याचिकाओं को साथ सुने जाने व राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की मांग की है।