Edited By Updated: 20 May, 2016 05:17 PM
अगर इंसान के मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा है और उसे पूरा करने का जज्बा तो वे क्या कुछ नहीं कर सकता।
भिवानी: अगर इंसान के मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा है और उसे पूरा करने का जज्बा तो वे क्या कुछ नहीं कर सकता। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है भिवानी की अन्या बाई ने। अन्या ने बाप के साए के बावजूद फ़ुटबाल में देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमका दिया है।
जी हां, गांव अलखपुरा की अन्या कजाकिस्तान में आयोजित एशियन रीजनल फुटबाल चैंपियनशिप में रजत पदक लेकर लौटी है, जिसका अपने गांव वापिस आने पर जोरदार स्वागत किया गया। इस फुटबॉलर की मां ने गलियों की सफाई कर अपनी बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाया है। अन्या बाई की पारिवारिक कहानी सुनकर शायद आप भी चौंक गए हों लेकिन महज 13 वर्षीय ये फुटबॉलर का मकसद अब ओलंपिक में मैडल लेकर आना है।
उधर इस होनहार बच्ची की मां ने लोगों को आह़वान किया कि वे कन्या भ्रूण हत्या करने की बजाय कन्याओं को अच्छी शिक्षा दीक्षा दिलवांए ताकि वे नाम रोशन कर सकें। बहरहाल अन्या की मां ने जहां पी.एम मोदी की बेटी बचाअेा बेटी पढ़ाओ मुहिम को कामयाब कर दिखाया है तो साथ ही ये भी दिखा दिया है कि बेटियां परिवार एवं समाज पर बोझ ना होकर देश की शान हैं जिन्हें प्रोत्साहन की जरूरत है। हम इस बेटी व इसके परिवार के जज्बे को सलाम करते हैं, जिनकी बदौलत देश को इतनी होनहार फुटबॉलर मिली है।