भिवानी की छोरी बैंकॉक जाने के लिए रवाना, पढ़े पूरी खबर

Edited By Updated: 23 Aug, 2016 04:37 PM

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भिवानी के हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम में नेता जी सुभाष चंद्र बॉस युवा जागृत सेवा समिति द्वारा महिला योग खिलाड़ी पिंकी घनघस को एशियन

भिवानी (दिनेश कुमार): भिवानी के हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम में नेता जी सुभाष चंद्र बॉस युवा जागृत सेवा समिति द्वारा महिला योग खिलाड़ी पिंकी घनघस को एशियन योग चैम्पियनशिप के लिए वियतनामा के लिए आशीर्वाद देकर रवाना किया गया। भिवानी की बेटी को बालयोगी महंत चरणदास महाराज के सानिध्य में वियतनामा में होने वाली 6 वीं एशियन योग चैम्पियनशिप के लिए आशीर्वाद और तिरंगा भेंट कर रवाना किया गया । 

 

वही मंदिर सभागार में महिला खिलाड़ी और भिवानी की बेटी को नेता जी सुभाष चन्द्र बॉस युवा जागृत सेवा समिति के बैनर नीचे एक बेटी-एक पेड़ मिशन 2016 के तहत सम्मानित भी किया गया। 

 

गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय योग खिलाडी पिंकी पहले भी 2015 में भारत का नाम रोशन कर भिवानी लौटी थी। बालयोगी महंत चरणदास महाराज ने कहा कि योग के क्षेत्र में भारत देश पूरे विश्व के अंदर जाना जाता है। इसलिए उनको पूरी उम्मीद है कि भिवानी की बेटी वियतनामा में आयोजित एशियन चैम्पियनशिप में देश के तिरंगे को गरिमा प्रदान करेगी। 

 

वहीं समिति के अध्यक्ष राष्ट्रपति पुरस्कार अवार्डी अशोक भारद्वाज व पी.सी.सी.ए.आई. के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेन्द्र लोहिया ने कहा कि एक बेटी-एक पेड़ मिशन के तहत जीत से पहले ही समिति द्वारा सम्मानित किया गया है। पिंकी योग में एशियन चैम्पियनशिप में गोल्ड मैडल लेकर भारत का नाम रोशन कर सके। 

 

उन्होने बताया कि इस प्रकार के सम्मान समारोह आयोजित कर खिलाडियों व युवाओं को समिति द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे राष्ट्र के लिए आगे बढ़ सके। वहीं इस अवसर पर अंतर्राष्‍ट्रीय स्तर की योगा खिलाड़ी पिंकी घनघस ने बताया कि बैंककॉक में होने वाली 6 वीं एशियन योग चैम्पियनशिप के लिए वे योगा फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से खेलने जा रही है। उन्होंने कहा कि ये चैम्पियनशिप अंतर्राष्‍ट्रीय हर वर्ष आयोजित की जाती है। उन्हे उम्मीद है कि वे देश को इस चैम्पियनशिप में मैडल देगी। 

 

उन्होंने कहा कि वे 17 साल से योग कर रही है व देश एवं विदेशों में अपनी प्रतिभा के बल पर धाक जमा चुकी है। मास्को एवं बुल्गारिया  सरीखे देशों में बच्चों एवं बड़ों को योग का प्रशिक्षण देकर देश का नाम चमकाने वाली पिंकी का मानना है कि अगर योग को भी ओलम्पिक में तवज्जो मिले तो शायद वह भी आज देश को गोल्ड मैडल देती । अब तक सैंकड़ों राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक लिया है। 

 

पिंकी का कहना है कि उसने तो गेम के रूप में ही योगा में भाग लेना शुरू किया था मगर अब तक इसे स्पोर्ट्स का दर्जा नहीं मिला है। उसका कहना है कि अगर इसे खेल का दर्जा देकर तमाम सुविधाएं प्रदान की जाएं तो फिर योग को मुक्केबाजी एंव क्रिकेट की तरह बढ़ावा मिलेगा व खेल प्रोत्साहित होगा। उसका कहना है कि हर बार योगा में देश के लिए विश्व कप लाया जाता है मगर खिलाडियों को वो तवज्जो नहीं मिलती जो दूसरे खेलों में मिलती है। इस खेल को भी महत्त्व नहीं मिलता। 

 

सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर पिंकी का मानना है कि अब सरकार प्रयास कर रही है। जिसके लिए बाबा रामदेव को हरियाणा का ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने से हरियाणा में योग का महत्व बढ़ा है। पिछली सरकार ने पदक लाओ, पद पाओ की खेल नीति के तहत उसकी अनदेखी की गई। नई भाजपा सरकार से उसे उम्मीद है कि वो उनकी तरफ जरूर ध्यान देगी। पिंकी के पिता जगदीश, सहयोगी प्रशिक्षक सुनील कुमार के अनुसार उन्हें पिंकी पर नाज है। उसके परिवार की दूसरी महिलाएं भी पिंकी पर नाज करती हैं।

 

 

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